ओडिशा में यू-ट्यूब पर शुरू हुई कक्षा 1 से 10वीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई, चैट एवं वॉयस कॉल की भी सुविधा

ओडिशा में पहली से 10वीं कक्षा के छात्रों को यू-ट्यूब पर पढ़ाया जाएगा। वहीं नवीं एवं 10वीं कक्षा के छात्र शिक्षा दर्पण कार्यक्रम के तहत टीवी पर पढ़ाई करेंगें। शिक्षक संगठन ने ओष्टा ने सरकार से टीवी पर पढ़ाई प्रक्रिया पर फोकस करने की मांग की है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 02:44 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 02:44 PM (IST)
ओडिशा में यू-ट्यूब पर शुरू हुई कक्षा 1 से 10वीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई,  चैट एवं वॉयस कॉल की भी सुविधा
ओडिशा में सोमवार से यू ट्यूब पर शिक्षादान प्रक्रिया शुरू की गई है।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा में सोमवार से यू ट्यूब पर शिक्षादान प्रक्रिया शुरू की गई है। कोरोना महामारी के कारण बच्चों की क्लासरूम शिक्षा नहीं हो पा रही है, ऐसे में सरकार ने यह निर्णय लिया है। पहली से 10वीं कक्षा के छात्रों को यू-ट्यूब पर पढ़ाया जाएगा। वहीं नवीं एवं 10वीं कक्षा के छात्र शिक्षा दर्पण कार्यक्रम के तहत टीवी पर पढ़ाई करेंगें। शिक्षक संगठन ने ओष्टा ने सरकार से टीवी पर पढ़ाई प्रक्रिया पर फोकस करने की मांग की है। जानकारी के मुताबिक बच्चों को किस दिन कौन सी विषय पढ़ाई जाएगी, उसके बारे में रूटीन प्रकाशित कर दिया गया है। 9वीं एवं 10वीं कक्षा के बच्चों की पढ़ाई 31 जुलाई तक चलेगी। सोमवार से शुक्रवार सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 1 बजे तक चार पीरियड में पढ़ाई करने की व्यवस्था की गई है।

उसी तरह से 7 जुलाई से पहली से 8वीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई शुरू होगी। पहली से तृतीय कक्षा तक छात्रों की पढ़ाई सुबह 9 से 10 बजे तक एवं चौथी कक्षा से 8वीं कक्षा तक बच्चों की पढ़ाई सुबह  9 से 10:30 बजे तक पढ़ाई होगी। यू ट्यूब जो विषय पढ़ाई जाएगी, वह विद्यालय के संपृक्त विषय के शिक्षक देखेंगे तथा छात्रों के मन में रहने वाले द्वंद को चैट एवं वॉयस कॉल के जरिए उनकी दुविधा को दूर करेंगें।

यहां उल्लेखनीय हकि ओडिशा के कई ऐसे इलाके हैं जहां पर इंटरनेट की सुविधा नहीं पहुंची है, ऐसे में इस शिक्षा व्यवस्था से कितने प्रतिशत बच्चों को लाभ मिलेगा, उस पर द्वंद शुरू हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमारे राज्य में 40 प्रतिशत बच्चों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है। वहीं दूर दराज तथा ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले 60 प्रतिशत बच्चों के पास यह सुविधा नहीं है। ऐसे में शिक्षक वीडियो बनाकर उन्हें पढ़ाने की बात पता चली है। इसके बाद छात्र-छात्राओं के पास शिक्षक जाकर क्लास लेने की भी व्यवस्था किए जाने की बात पता चली है।

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