ओडिशा में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अब ड्रोन का होगा प्रयोग, सफलता पूर्वक हुआ परीक्षण
ओडिशा में कोविड किट सैंपल और अन्य उपकरणों का परिवहन ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा। पहाड़ी क्षेत्र में सैंपल संग्रह करने के लिए आरएमआरसी ने तैयारी पूरी कर ली है। ड्रोन के जरिए किट एवं सैंपल संग्रह करने की व्यवस्था एक प्रशंसनीय पहल साबित होगी।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा में संक्रमण को रोकने के लिए अब ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा अर्थात सैंपल संग्रह से लेकर कोविड के लिए प्रयोग होने वाले किट एवं अन्य उपकरण का ड्रोन की मदद से परिवहन किया जाएगा। कोरोना किट एवं सैंपल का परिवहन ड्रोन के जरिए किया जाएगा। खासकर दूर दराज वाले तथा पहाड़ी क्षेत्र में सैंपल सग्रह करने के लिए आरएमआरसी ने कमर कसी है, जहां पर सैंपल संग्रह में परेशानी हो रही थी। इस संदर्भ में गुरुवार को रिजियोनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) परिसर में परीक्षण के तौर पर ड्रोन का प्रयोग किया गया है।
ड्रोन के जरिए किट एवं सैंपल संग्रह की व्यवस्था
कोरोना सैंपल संग्रह करते समय संग्रहकर्ता को संक्रमित होने का खतरा रहता है, ऐसे में इसे रोकने के लिए ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा। आरएमआरसी की निदेशिका संघमित्रा पति ने उपरोक्त जानकारी दी है। राज्य में दैनिक 60 से 70 हजार लोगों का कोविड टेस्ट किया जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए ड्रोन के जरिए किट एवं सैंपल संग्रह करने की व्यवस्था एक प्रशंसनीय पहल साबित होगी।
जानकारी के मुताबिक दूरदराज एवं पहाड़ी क्षेत्र में कोविड सैंपल संग्रह कर लाने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के भी संक्रमित होने की सम्भावना अधिक रहती है। यदि सैंपल संग्रह में ड्रोन का प्रयोग किया जाता है तो फिर इस कार्य में नियोजित स्वास्थ्य कर्मचारियों के मन से संक्रमित होने का भय दूर हो जाएगा। वहीं पहाड़ी क्षेत्र में ड्रोन के जरिए किट एवं अन्य सामग्री लाने ले जाने में भी सुविधा होगी।
यहां उल्लेखनीय कि ओडिशा में आज भी कई ऐसे दुर्गम क्षेत्र हैं जहां पर आसानी से वाहनों के जरिए आवागमन सम्भव नहीं है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन का साधन ना होने से इन इलाकों में रहने वाले लोगों को टीकाकरण से वंचित होना पड़ रहा था। इन इलाकों में जाने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी भी अधिक समय तक रहने के कारण उन्हें संक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में आरएमआरसी के इस प्रयास से निश्चित रूप से प्रदेश के दूर दराज इलाके के लोगों का टीकाकरण करने में सहूलियत मिलेगी।