ओडिसा हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सोमवार को शपथ लेंगे डॉ जस्टिस एस.मुरलीधर

ओडिशा हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर डॉ जस्टिस एस. मुरलीधर आगामी 4 तारीख सोमवार की सुबह 10 बजे शपथ लेंगे। ओडिशा हाईकोर्ट के पुरानी बिल्डिंग परिसर में मौजूद लॉन में उनका शपथ बिधी उत्सव चलेगा

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 03:11 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 03:12 PM (IST)
ओडिसा हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सोमवार को शपथ लेंगे डॉ जस्टिस एस.मुरलीधर
ओड़ीशा हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सोमवार को शपथ लेंगे डॉ जस्टिस एस.मुरलीधर

जासं, कटक। ओडिशा हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर डॉ जस्टिस एस. मुरलीधर आगामी 4 तारीख सोमवार की सुबह 10 बजे शपथ लेंगे। ओडिशा हाईकोर्ट के पुरानी बिल्डिंग परिसर में मौजूद लॉन में उनका शपथ बिधी उत्सव चलेगा। हाईकोर्ट की ओर से जारी विज्ञप्ति  में यह स्पष्ट की गई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर कार्य करने वाले डॉ जस्टिस एस. मुरलीधर को ओड़िशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति प्रदान करने के पश्चात केंद्र कानून मंत्रालय की ओर से गुरुवार को विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी।

ठीक इसी तरह ओड़िशा हाईकोर्ट के वर्तमान के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मोहम्मद रफीक का तबादला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर हो गई है और उसके लिए भी विज्ञप्ति गुरुवार को केंद्र कानून मंत्रालय की ओर से विज्ञप्ति प्रकाशित की गई है। 

गौरतलब है कि14 दिसंबर 2020 को ओड़िशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर डॉ जस्टिस एस.मुरलीधर के नाम को सुप्रीमकोर्ट की कालेजियम सिफारिश किया था और ओड़िशा हाईकोर्ट के वर्तमान के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मोहम्मद रफीक को मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर तबादले के लिए भी राष्ट्रपति के समक्ष सिफारिश की गई थी। जस्टिस मोहम्मद रफीक 27 अप्रैल 2020 को ओड़िशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ लिए थे और करीब 8 महीने के बाद उनका फिर से तबादला हो गया है। डॉक्टर जस्टिस एस. मुरलीधर वर्ष 1984 में चेन्नई में वकालत की जिंदगी शुरू किए थे ।

उसके बाद वह सुप्रीमकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर कार्य किए थे। वह सुप्रीमकोर्ट के कानून सेवा कमेटी की ओर से कई अहम मामलों का संचालन भी किए थे। भोपाल गैस ट्रेजेडी और नर्मदा डैम विस्थापितों की समस्या संबंधित मामलों का भी वह संचालन किए थे। इसके अलावा कई जनहित याचिका और मृत्यु दंड संबंधित मामलों में उन्हें सुप्रीमकोर्ट एमिकस क्यूरी के तौर पर भी नियुक्ति दिए थे। वह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और भारतीय चुनाव आयोग की ओर से भी मामला संचालन किए हैं । वर्ष 2002 दिसंबर से 2006 मई तक वह लॉ कमिशन में पार्ट टाइम सदस्य थे। वर्ष 2006 मई 29 तारीख को डॉक्टर जस्टिस एस. मुरलीधर दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ लिए थे । उसके बाद उनका तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को हुई थी। 2020 मार्च 6 तारीख को वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ लिए थे।

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