ओडिशा के 13 जिलों में चक्रवात जवाद मचा सकता है तांडव: तीनों सेनाओं के साथ NDRF की टीम को अलर्ट रहने को निर्देश
चक्रवात के प्रभाव से ओडिशा के तटीय जिले के साथ आन्ध्र के श्रीकाकुलम विशाखापट्टनम एवं विजयनगरम जिला के प्रभावित होने की सम्भावना है। इसके लिए केन्द्र सरकार की 32 एनडीआरएफ टीम को इन सभी जिलों में तैनात किए जाने के साथ ही अतिरिक्त टीम को स्टैंडबाए में रखा गया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। दक्षिण अंडमान सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र अधिक सक्रिय होकर केन्द्रीय बंगोपसागर में चक्रवात जवाद का रूप लेकर उत्तर आंध्र प्रदेश एवं ओडिशा तट से टकराने की सम्भावना अधिक होने से सरकारी स्तर पर इससे निपटने की तैयारी शुरू हो गई है। केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी ने सम्भावित चक्रवात की समीक्षा करने के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य के लिए नियोजित होने वाले भारतीय नौसेना, थल सेना को एलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही 32 एनडीआरएफ टीम को तैनात किया गया है। अतिरिक्त एनडीआरएफ टीम को भी सतर्क रहने को कहा गया है। ओडिशा सरकार की तरफ से चक्रवात से निपटने के लिए समीक्षा बैठक कर 13 जिले के जिलाधीशों को सतर्क रहने तथा 8 सूत्रीय चेक लिस्ट एवं बाढ़ के ली जारी एसओपी के आधार पर कदम उठाने को निर्देश दिया गया है।
32 एनडीआरएफ टीम तैनात
सूचना के मुताबिक केन्द्र कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के नेतृत्व में राष्ट्रीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी ने सम्भावित चक्रवात जवाद को लेकर समीक्षा की है। समीक्षा बैठक में ओडिशा, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं अंडमान निकोबार के मुख्य सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे। चक्रवात के प्रभाव से ओडिशा के तटीय जिले के साथ आन्ध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम एवं विजयनगरम जिला के प्रभावित होने की सम्भावना है। इसके लिए केन्द्र सरकार की 32 एनडीआरएफ टीम को इन सभी जिलों में तैनात किए जाने के साथ ही अतिरिक्त टीम को स्टैंड बाए में रखा गया है। इसके साथ ही राहत एवं बचाव कार्य के लिए भारतीय नौसेना एवं थल सेना को एलर्ट पर रहने के लिए निर्देश दिए जाने की बात पता चली है। यह समुद्री तूफान 3 दिसम्बर को चक्रवात का रूप लेकर 4 दिसम्बर सुबह के समय आन्ध्र एवं ओडिशा के तट को अतिक्रम करने की बात भारतीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की तरफ सी कही गई है।
जरूरी कदम उठाने के निर्देश
वहीं दूसरी तरफ ओडिशा मुख्य सचिव सुरेश चन्द्र महापात्र की अध्यक्षता में सम्भावित चक्रवात जवाद से मुकाबले की समीक्षा की गई। बैठक में सभी तटीय जिलों के जिलाधीशों को सतर्क रहने के साथ ही सभी जरूरी कदम उठाने के लिए मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है। बैठक में विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने कहा है कि भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक जवाद 4 दिसम्बर को दक्षिण ओडिशा एवं उत्तर आन्ध्र प्रदेश के समीप समुद्र में पहुंचेगा। इसके प्रभाव से इसके प्रभाव से 3 दिसम्बर सुबह से ही तटीय जिलों के साथ आस-पास के जिलों में भारी बारिश शुरू हो जाएगी। इस दौरान 70 से 90 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का पूर्वानुमान किया गया है। संभावित चक्रवात जवाद से निपटने के लिए ओड्राफ, एनडीआरएफ, दमकल वाहिनी तैयार है। 108 ओड्राफ टीम एवं एनडीआरएफ की टीम के साथ 200 दमकल वाहिनी की टीम जरूरत के हिसाब से तैनात किया जाएगा।
भारी से भारी बारिश की सम्भावना
सम्भावित चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों में गंजाम, गजपति, पुरी, नयागड़, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, जाजपुर, ढेंकानाल, कटक, भद्रक, बालेश्वर एवं मयूरभंज जिले के जिलाधीश के साथ मुख्य सचिव ने एक-एक कर चर्चा करते हुए सतर्क रहने को निर्देश दिया है। 3 तारीख को चक्रवात का गतिपथ पूरी तरह से स्पष्ट हो जाने के बाद लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है। संभावित चक्रवात के बारे में लोगों को जागरूक रहने को कहा गया है। जवाद के प्रभाव से भारी से भारी बारिश होने की सम्भावना है। ऐसे में कटक, भुवनेश्वर, बालेश्वर, भद्रक, जाजपुर आदि शहर में बारिश का जल निष्कासन के लिए अधिक पंपिंगसेट तैयार रखने को मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है। यहां उल्लेखनीय है कि 4 दिसम्बर को भारी से भारी बारिश होने के साथ ही 110 से 120 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है।