अब बड़े अधिकारियों को चूना लगा रहे हैं साइबर ठग, 5 विधायक और एक IPS अधिकारी का फेसबुक अकांउट हैक
Cyber Crime अब साइबर ठग बड़े-बड़े लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं हाल ही में पांच विधायक एवं एक आईपीएस अधिकारी के फेसबुक एकाउंट को हैक करने का मामला सामने आया है। विधायक ने लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से तुरन्त इसके बारे में जानकारी दी।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। सीधे-सादे एवं आम लोगों को चूना लगाने वाले साइबर ठगों ने अब बड़े-बड़े लोगों को भी चूना लगाने का प्रयास आरंभ कर दिया है। एक सप्ताह के अन्दर पांच विधायक एवं एक आईपीएस अधिकारी के फेसबुक एकाउंट को हैक करने की बात पता चली है। हालांकि इनमें से अभी तक कोई भी ठगी का शिकार हुआ है या नहीं, वह फिलहाल पता नहीं चला है। सूचना के मुताबिक गृहराज्य मंत्री कैप्टन दिव्यशंकर मिश्र के बाद बरगड़ के विधायक देवेश आचार्य, बोलगड़-बेगुनिया विधायक राजेन्द्र साहू, आठमलिक विधायक रमेश चन्द्र साए, पुरी विधायक जयंत षडंगी एवं आईपीएस अखिलेश्वर सिंह को साइबर ठगों ने टार्गेट किया है।
इससे पहले खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रणेन्द्र प्रताफ स्वांई के फेसबुक को भी साइबर ठगों ने हैक किया था। चार दिन पहले विधायक रमेश साए का फेसबुक एकाउंट को हैक कर साइबर ठगों ने विधायक के करीबियों के असुविधा में पड़ने की बात कहते हुए 14 हजार रुपया मांगे थे। उक्त पैसे को बहुत जल्द लौटाने की भी बात कही थी। इस संदर्भ में विधायक के करीबी को जब पता चला तो उसने तुरन्त विधायक श्री साए को इसकी जानकारी दी। ऐसे में विधायक ने लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से तुरन्त अपने फेसबुक एकाउंट के हैक होने के बारे में जानकारी दी।
इसी तरह से बोलगड़ विधायक राजेन्द्र साहू के फेसबुक एकाउंट की नकल कर ठग ने 4 हजार रुपया मांगे थे और 2 घंटे में लौटाने की बात कही थी। उक्त व्यक्ति ने सीधे विधायक साहू को फोन किया तो फेसबुक एकाउंट हैक होने के बारे में पता चला। उसी तरह से पुरी के विधायक जयंत षडंगी एवं बरगड़ विधायक देवेश आचार्य के साथ भी समान घटना हुई है। आईपीएस अखिलेश्वर सिंह को भी साइबर ठगों ने टार्गेट किया और उनके फेसबुक एकाउंट को हैक किया था।
इस संदर्भ में साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड जैसे नकली परिचय पत्र तैयार करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, मगर फेसबुक एकाउंट हैक करने वाले ठगों को पुलिस पकड़ नहीं पा रही है। आईटी एक्ट में बदलाव कर साइबर अपराध को गम्भीरता से लिया जाए तो फिर इस तरह के ठगी को रोका जा सकता है।