कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में मिले दाखिला, BJD ने केंद्र सरकार से की मांग

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (CM Naveen Patnaik) ने कोरोना महामारी के कारण अनाथ होने वाले बच्चों (Orphaned Children) को पूरे देश के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने के लिए विशेष व्यवस्था करने को केंद्र शिक्षा मंत्री के पास पत्र लिखकर मांग की है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:51 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 08:52 AM (IST)
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में मिले दाखिला, BJD ने केंद्र सरकार से की मांग
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर में काफी संख्या में बच्चे अनाथ हुए हैं। इनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस तरह के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा व्यवस्था करने के साथ ही बीजू शिशु सुरक्षा एवं ग्रीन पैसेज योजना के जरिए  उच्च शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था की है। ऐसे में बीजू जनता दल ने कोरोना के कारण अनाथ होने वाले बच्चों को पूरे देश के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने के लिए विशेष व्यवस्था करने को केंद्र शिक्षा मंत्री के पास पत्र लिखकर मांग की है।

बीजू जनता दल के सांसद अमर पटनायक ने केंद्र शिक्षा मंत्री को एक पत्र लिखकर कहा है कि यह व्यवस्था केवल ओडिशा के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश में होनी चाहिए। यह बच्चे देश के जिस किसी भी जगह में मौजूद केंद्रीय विद्यालय में पढ़ना चाहते हैं तो तुरंत इसकी व्यवस्था की जाए। तथ्य एवं सूची की प्रतीक्षा किए बिना वाक इन माध्यम से दाखिला देने की मांग बीजू जनता दल की तरफ से की गई है। महाप्रभु की इच्छा मानकर इस व्यवस्था पर आगे बढ़ने के लिए उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है।

सांसद ने कहा है कि केंद्रीय विद्यालय में सुलभ दर में बेहतर शिक्षा मिलती है। यही कारण है कि केंद्रीय विद्यालय अभिभावकों की पहली  पसंद है। यहां दाखिला के लिए अनेक शर्तावली तथा कोटा की व्यवस्था है।सांसद ने कहा है कि नवीन पटनायक राजनीति से ऊपर उठकर पूरे देश के लिए चिंता कर रहे हैं। जिसकी विरोधी दल एवं शिक्षाविद सभी ने प्रशंसा की है। राज्य भाजपा एवं कांग्रेस ने भी बीजद के अनाथ बच्चों के केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश वाले निर्णय का समर्थन किया है। केंद्रीय विद्यालय के साथ नवोदय विद्यालय में भी नाम लिखाने को लेकर शिक्षाविदों ने जोर दिया है।

यहां उल्लेखनीय है कि देश में जो कार्य करने का चिंतन किया जाता है नवीन पटनायक उससे पहले ही कर देते हैं। नवीन पटनायक ने कोविड से अनाथ होने वाले बच्चों की पहचान कर, उन्हें पेंशन के साथ ही उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था करने का दायित्व लिया है, जो कि पूरे देश के लिए रोल मॉडल है।

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