पुरी जगन्नाथ धाम में 21 दिवसीय चंदन यात्रा एवं रथयात्रा के लिए रथ निर्माण कार्य शुरू, इस साल भी बिन भक्तों की होगी रथयात्रा

पुरी जगन्नाथ धाम में 21 दिवसीय चंदन यात्रा एवं रथयात्रा के लिए रथ निर्माण कार्य शुरू इस साल भी बिन भक्तों की होगी महाप्रभु की रथयात्रा कोरोना महामारी के कारण इस साल भी पुरी जगन्नाथ महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा बिना भक्तों की ही सम्पन्न

By Priti JhaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 02:54 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 06:28 PM (IST)
पुरी जगन्नाथ धाम में 21 दिवसीय चंदन यात्रा एवं रथयात्रा के लिए रथ निर्माण कार्य शुरू, इस साल भी बिन भक्तों की होगी रथयात्रा
पुरी जगन्नाथ महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा

पुरी, जागरण संवाददाता। पुरी जगन्नाथ पुरी जगन्नाथ धाम में आज से 21 दिवसीय चंदन यात्रा शुरू हो गई है। आज से 21 दिन तक नरेन्द्र सरोवर में श्रीविग्रह नौका विहार करेंगे। इसके लिए पुरी जगन्नाथ मंदिर एवं नरेन्द्र सरोवर के पास धारा 144 लगा दी गई है। इसके साथ ही आज से ही रथ निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। वहीं पुरी जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा इस साल भी बिना भक्तों की ही सम्पन्न की जाएगी।

21 दिवसीय चंदन यात्रा को व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए पुरी पुलिस पूरी तरह से ऐक्शन मोड में है। पुरी के एसपी कुंवर विशाल सिंह ने कहा है कि किसी भी परिस्थिति में स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसिजियोर का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को 5 भाग में विभक्त किया गया है। कोविड प्रतिबंध का अनुपालन करने के लिए 6 एनफोर्समेंट टीम काम करेगी।

यात्रा के साथ जुड़े रहने वाले केवल सेवक एवं कर्मचारियों को ही चंदन यात्रा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। एक अतिरिक्त एसपी के साथ 6 डीएसपी, 8 इंस्पेक्टर, 50 कांस्टेबल, 8 प्लाटुन पुलिस फोर्स तैनात की गई है। एसओपी उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

जानकारी के मुताबिक चंदन यात्रा के साथ जुड़े रहने वाले 250 सेवक एवं अधिकारियों का कोविड टेस्ट किया गया है। निगेटिव रिपोर्ट आने वाले सेवक एवं कर्मचारियों को लेकर चंदान यात्रा शुरू की गई है। पाजिटिव आने वाले सेवक एवंकर्मचारियों को होम क्वारेनटाइन में रहने की सलाह दी गई है। नरेन्द्र सरोवर एवं जन्नाथ मंदिर के पास 144 धारा लगाई गई है ऐसे में जिन सेवकों को चंदन यात्रा में शामिल होने है उन्हें पास दिया गया है और पास दिखाकर सेवक इस यात्रा में शामिल होकर नीति सम्पादन कर रहे हैं। 

वहीं दुसरी तरफ कोरोना महामारी के कारण इस साल भी पुरी जगन्नाथ महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा को बिना भक्तों की ही सम्पन्न कराने को लेकर जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है। स्नान यात्रा से पहले सभी सेवकों को कोरोना टीका लगाने का निर्णय लिया गया है। रथयात्रा के साथ संपृक्त सेवकों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाएगी। जरूरत पड़ने पर उन्हें जगन्नाथ मंदिर भक्त निवास में संगरोध में रखा जाएगा। 18 साल से अधिक आयु के सभी सेवकों को कोरोना टीका दिए जाने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने अनुमोदित कर दिया है। 16 मई से रथयात्रा के साथ जुड़े रहने वाले सेवकों को कोरोना टीका लगाया जाएगा। रथ खींचने वाले सेवकों की सूची तैयार की जा रही है।

कोरोना से संक्रमित होने वाले सेवकों को रथयात्रा में शामिल होने नहीं दिया जाएगा। पिछले साल की ही तरह इस साल भी स्नान यात्रा, रथयात्रा में पालिया सेवक के साथ सीमित संख्या में पुलिस अधिकारी एवं पुलिस कर्मचारी रथ को खींचेंगे। कोरोना प्रतिबंध के बीच जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा, बाहुड़ा (घर वापसी) यात्रा एवं सोनावेश अनुष्ठित किया जाएगा। इस संबन्ध में विधिवत रूप से फिलहाल घोषणा नहीं की गई है, मगर प्रशासनिक स्तर पर बिना भक्तों की रथयात्रा करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। रथ निर्माण कार्य में नियोजित होने वाले 200 से अधिक महारणा, भोई, चित्रकार, रूपकार, दर्जी एवं ओझा सेवकों को कोरोना टीका लगा दिया गया है। रथ निर्माण वाले स्थल को चारों तरफ से घेरी बना दिया गया है। आम लोगों को वहां प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। आज अक्षय तृतीया के मौके पर रथनिर्माण कार्य एवं चंदन यात्रा बिना भक्तों के शुरू हो गई है।

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