ओडिशा में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के बंद का मिलाजुला असर
केंद्र सरकार के श्रमिक किसान एवं जनविरोधी नीति के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन की तरफ से आहूत 24 घंटे भारत बंद का मिलाजुला असर गुरुवार को ओडिशा में देखने को मिला।
जेएनएन, भुवनेश्वर : केंद्र सरकार के श्रमिक, किसान एवं जनविरोधी नीति के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन की तरफ से आहूत 24 घंटे भारत बंद का मिलाजुला असर गुरुवार को ओडिशा में देखने को मिला। हालांकि प्रदेश में कुछ जगहों पर बंद का व्यापक असर दिखा। खासकर इसका प्रभाव जाजपुर जिले में ज्यादा नजर आया। कलिगनगर औद्योगिक क्षेत्र के साथ कालियापाणी, खदान इलाका, व्यासनगर, पाणीकोइली, धर्मशाला एवं चंडीखोल आदि जगहों पर श्रमिक संगठनों ने जबरन दुकान-बाजार को पिकेटिग कर बंद करा दिया। कई जगहों पर संगठन के सदस्यों ने सड़क जाम करने के साथ ट्रेनों का आवागमन रोक दिया। इससे यातायात प्रभावित रहा।
राजधानी भुवनेश्वर एवं कटक में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा। हालांकि इन दोनों जगहों में श्रमिक यूनियन के सदस्यों ने ट्रेन एवं बस सेवा को बाधित किया। भद्रक, चांदबाली, केंद्रपाड़ा, आरडी-भद्रक मुख्य मार्ग को संगठन के सदस्यों द्वारा जाम कर दिए जाने से सड़क के दोनों ओर दर्जनों वाहन घंटो फंसे रहे। शैवपीठ आखंडलमणि धाम एवं चांदबाली-भद्रक, चांदबाली-केंद्रपाड़ा, आरडी-भद्रक मुख्य मार्ग पर भी बंद कारण यातायात प्रभावित रहा। भद्रक जिले में बंद असरदार रहा। यहां भद्रक बंत चौक के पास 16 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद समथकों द्वारा अवरुद्ध कर वाहनों का परिचालन रोका गया। बौद्ध जिले में भी सुबह से ही बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर नजर आए तथा शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यातायात रोकने के साथ-साथ दुकान-बाजार को बंद करा दिया। जिले के हरभंगा, कंटामाल एवं बौद्ध ब्लाक में बंद का व्यापक असर दिखा। सुवर्णपुर, पारादीप तथा गुणुपुर में भी भारत बंद असरदार रहा।
देश के 10 ट्रेड यूनियनों की ओर से आहूत भारत बंद बालेश्वर, मयूरभंज जिले में असरदार रहा। बस अड्डा से लेकर रेलवे स्टेशन आदि भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाम दलों के नेताओं ने मार्ग अवरुद्ध कर आवागमन को रोककर विरोध-प्रदर्शन किया। बालेश्वर रेलवे स्टेशन पर भी कई गाड़ियों को बंद समर्थकों ने घंटों रोके रखा। श्रम कानून, कृषि कानून को समाप्त करने के लिए ट्रेड यूनियनों के इस 24 घंटे बंद में वामदल और कांग्रेस ने भी शामिल होकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि केंद्र सरकार श्रमिक विरोधी कानून को जल्द से जल्द समाप्त करे अन्यथा आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। हिद मजदूर सभा के कुन्ना सांग, वाम दल के गौरांग पाणिग्रही अरुण जेना आदि श्रमिक नेताओं ने आंदोलन का नेतृत्व किया।