Blast In Odisha: ओडिशा में तेल की खोज के दौरान विस्फोट, कई घर क्षतिग्रस्त

Blast In Odisha ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने बिना नोटिस दिए ब्लास्ट किया है जिसके चलते उनके घरों में दरार आ गई। ग्रामीणों ने सर्वे के काम में लगे गार्ड व कर्मचारियों को रोककर क्षतिपूर्ति की मांग की। इस दौरान बहस होने पर लोग आक्रोशित भी हो उठे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 09:13 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 09:13 PM (IST)
Blast In Odisha: ओडिशा में तेल की खोज के दौरान विस्फोट, कई घर क्षतिग्रस्त
ओडिशा में तेल की खोज के दौरान विस्फोट, कई घर क्षतिग्रस्त। फाइल फोटो

जासं, भुवनेश्वर (ओडिशा)। Blast In Odisha: ओडिशा में पुरी जिले के कोणार्क थाना क्षेत्र के गोप प्रखंड स्थित अमरेली गांव के भू-तल में तेल की खोज के वक्त हुए विस्फोट से कई घरों में दरार आने की खबर है। इसके विरोध में 25 परिवारों ने स्थानीय थाने में क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने बिना नोटिस दिए ब्लास्ट किया है, जिसके चलते उनके घरों में दरार आ गई है। ग्रामीणों ने सर्वे के काम में लगे गार्ड व कर्मचारियों को रोककर क्षतिपूर्ति की मांग की। इस दौरान बहस होने पर लोग आक्रोशित भी हो उठे। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। यह आश्वासन भी दिया कि क्षतिग्रस्त मकानों का आकलन कर मुआवजा दिलाया जाएगा। इसके बाद लोग शांत हुए।

ऑयल इंडिया की ओर से पुरी जिले के अस्तरंग, काकटपुर, कोणार्क व गोप इलाकों के भू-तल में मौजूद प्राकृतिक ईधन की खोज के लिए प्रयास शुरू किया गया है। आयल इंडिया द्वारा नियुक्त हैदराबाद की अल्फा जियो इंडिया लिमिटेड कंपनी को यह काम सौंपा गया है। ग्रामीणों को सूचना दिए बिना परिक्षण के लिए बो¨रग में डायनामाइट ब्लास्ट कर दिया। इस घटना में गांव के कुल 154 घरों में दरार आ गई। साथ ही 18 से अधिक घरों को अत्यधिक नुकसान पहुंचा है। इन घरों में रहने को लेकर परिवार डरे हुए हैं।

गौरतलब है कि ओडिशा में कटक रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ के थानाधिकारी प्रवीण कुमार के नेतृत्व में एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रदेश में इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान यात्रियों को होने वाली समस्या से निपटने तथा रेलवे द्वारा दिए जा रहे सुविधाओं की जानकारी साझा करना था। इधर, रेलवे स्टेशन के अधिकारियों और आरपीएफ कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम मे मुख्य रूप अपनी सहभागिता दर्ज की। उनका मुख्य लक्ष्य यात्रियों को सचेतना करना था।

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