KIIT की बड़ी उपलब्धि: टोक्यो ओलंपिक्स में कीट के चार प्रतिनिधि करेंगे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन
Tokyo Olympics टोकियो ओलंपिक 23 जुलाई से आरंभ हो रहा है जिसमें कीट के भुवनेश्वर ओडिशा की उड़नपरी दुती चांद सीए.भवानी देवी शिवपाल सिंह तथा फीजियोथेरापी डाक्टर सुदीप सतपथी टोकियो ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए चुन लिए गये हैं।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। सचमुच सुनने में एक अजूबा सा लग रहा है कि भारत का एकमात्र KIIT डीम्ड विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर, ओडिशा की उड़नपरी दुती चांद, सीए.भवानी देवी, शिवपाल सिंह तथा फीजियोथेरापी डाक्टर सुदीप सतपथी टोकियो ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए चुन लिए गये हैं। यह जानकारी 4 जुलाई को आयोजित एक राष्ट्रीय प्रेसवार्ता में प्रोफेसर अच्युत सामंत ने पत्रकारों को दी।
वर्चुअल मोड पर कीट के टोकियो ओलंपिक के लिए चयनित खिलाडियों के आयोजित अभिनन्दन समारोह के मुख्य अतिथि ओडिशा प्रदेश सरकार के खेल तथा युवा कल्याण, इलेक्ट्रानिक तथा सूचना तकनीकी मंत्री तुषारकांति बेहेरा तथा सम्मानित अतिथि के रूप में ओडिशा सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी खेल तथा युवा कल्याण तथा पर्यटन विभाग, आईएएस विशाल कुमार देव उपस्थित थे।
दुती चांद के लिए यह दूसरा सुनहरा मौका
इस अवसर पर प्रोफेसर सामंत ने पत्रकारों को यह बताया कि टोकियो ओलंपिक 23 जुलाई से आरंभ हो रहा है जिसमें कीट के खिलाडी निश्चित रुप से अपना-अपना बेहतर प्रदर्शन देंगे। उड़नपरी दुती चांद के लिए यह दूसरा सुनहरा मौका है जो 100 मीटर तथा 200 मीटर महिला दौड प्रतियोगिता में क्वालीफाई कीं हैं। सीए.भवानी देवी जो कीट से पीएच.डी. कर रही हैं वे पहली बार भारतीय फेंसर स्पर्धा के लिए क्वालीफाई कीं हैं और जेवलीन थ्रो स्पर्धा में कीट बीबीए के छात्र शिवपाल सिंह क्वालीफाई किये हैं। पहली बार उनके कीम्स के फीजियोथेरापी मेडिसिन डाक्टर सुदीप सतपथी टोकियो ओलंपिक में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए चयनित हुए हैं। उन सभी को प्रोफेसर अच्युत सामंत ने अपनी ओर से शुभकामनाएं तथा बधाइयां दी।
अच्युत सामंत की दूरदर्शिता
यह कीट-कीस-कीम्स के प्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत की दूरदर्शिता, उत्साह, ऊंचे मनोबल, लगन, त्याग तथा कमाल की सूझबूझ के बदौलत ही संभव हुआ है। प्रोफेसर सामंत के अनुसार पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद का भी अपना एक विशेष महत्व है और इसके लिए उन्होंने अपना लगभग 30 वर्षों का कीमती समय लगाया है जो आज फलीभूत हुआ है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्होंने कीट-कीस के छात्र-छात्राओं की विभिन्न खेल प्रतिभाओं की खोज की। उन्हें समस्त और अत्याधुनिक खेल संसाधन उपलब्ध कराये। उन्हें सघन और निरंतर प्रशिक्षण दिलाया। सतत निगरानी की जिसके बदौलत उन्होंने कीट-कीस से अब तक लगभग पांच हजार राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार किये हैं।
खेलो इंडिया को किया साकार
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की महात्वाकांक्षी योजना प्रथम अन्तर विश्वविद्यालयीन खेलो इंडिया को साकार करने के लिए ओडिशा प्रदेश सरकार के सहयोग से खेलकूद प्रतियोगिता की मेजबानी का दायित्व वहन किया। जिसमें कीट-कीस के खिलाडियों ने कमाल का शानदार प्रदर्शन दिखाया। कीट में कई अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त मैदान तैयार कराये। इंडोर तथा आउटडोर स्टेडियम बनवाये। भारतीय खेल-जगत में उनके असाधारण योगदानों को ध्यान में रखकर उन्हें भारतीय बालीवाल परिसंघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। अपने कीट-कीस के खेल निदेशक डा गगनेंदु दाश को हर प्रकार से प्रोत्साहित किया जिनके पास असाधारण कार्यसंस्कृति, त्याग और खेल के प्रति सच्ची लगन भी है।