Jagannath Rathyatra 2021: रथ निर्माण में भोई सेवकों की होती है महत्वपूर्ण भूमिका, महाप्रभु की सेवा को मानते हैं सौभाग्य
Jagannath Rathyatra रथ निर्माण में भोई सेवकों की होती है महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। एक रथ को बनाने में छह भोई सेवक नियोजित होती हैं। कार्तिक भोई ने कहा है कि प्रभु की सेवा करने का हमें अवसर मिलना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। रथ निर्माण में भोई सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रथ में लगने वाली वजनदार लकड़ी को रथ के ऊपर उठाने एवं जरूरत के मुताबिक लकड़ी लाकर महारणा सेवकों के पास पहुंचाने का भोई सेवक ही करते है। इसके लिए प्रत्येक रथ के लिए 6 भोई सेवकों को नियोजित किया गया है जो कि सुबह 8 से रात 8 बजे तक इस सेवा कार्य में लगे हुए हैं।
नीलाद्री बिजे तक निभाते हैं दायित्व
नंदीघोष रथ के मुख्य भोई सेवक कार्तिक भोई ने इस संदर्भ में कहा है कि कोविड महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंध के चलते संगरोध में नीलाद्री भक्त निवास में रहते हुए यहां आकर काम करना पड़ रहा है। हालांकि रथखला में पैर पड़ते ही हमें आनंद का अनुभव होने लगता है। उन्होंने कहा कि मैं 15 साल की आयु से इस काम को करते आ रहा हूं और आज हमारी उम्र 66 साल हो गई है। रथ गढ़ाही का कार्य जब से शुरू होता है तब से नीलाद्री बिजे तक हम अपने दायित्व को निभाते हैं।
प्रभु की सेवा सौभाग्य की बात
कार्तिक भोई ने कहा है कि प्रभु की सेवा करने का हमें अवसर मिलना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह सब पहले जन्म के पुण्य का परिणाम है। मेरा बेटा महेश प्रसाद स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल किया हुआ है, मगर रथखला में काम कर रहा है। यह एक दिव्य आनंद की बात है। वंशानुक्रम के आधार हम अपने बच्चों को महाप्रभु की सेवा से जोड़ते हैं, वे भी भविष्य में महाप्रभु की सेवा में नियोजित हों, यही हमारी मनोकामना है। हालांकि नाम मात्र का श्रमदान लेकर हम जो रथ तैयार कर रहे हैं, उस रथ को खींचने के लिए पिछले दो साल से कोविड महामारी के कारण भक्त बड़दांड में नहीं आ पा रहे हैं, इससे दुख होता है।