पांचवीं बार 27 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे नवीन

बीजू जनता दल प्रमुख बीजद नवीन पटनायक सोमवार को लगातार पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 May 2019 03:12 PM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 06:41 AM (IST)
पांचवीं बार 27 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे नवीन
पांचवीं बार 27 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे नवीन

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुनामी के बीच नवीन पटनायक की अगुवाई वाले बीजू जनता दल (बीजद) ने विधानसभा चुनाव में तीन-चौथाई से अधिक बहुमत प्राप्त किया है। साथ ही लोकसभा की 21 सीटो में से 12 सीटों पर कब्जा किया है। नवीन पटनायक लगातार पांचवीं बार 27 मई, सोमवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

इससे पहले नेता चुनने के लिए शनिवार को बीजद विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें उनका नेता चुना जाना तय है। नेता चुने जाने के बाद वे राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करने की औपचारिकता पूरी करेंगे। उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा है कि नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया चल रही है। उनका कार्यकाल भी पूरा हो चुका है, इसलिए पद से इस्तीफा दे रहे हैं। वहीं राज्यपाल ने नई व्यवस्था तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहने का निर्देश दिया है।

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विधानसभा में 146 में 112 सीटें : चुनाव आयोग ने शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के परिणाम को औपचारिक ऐलान किया। इसमें विधानसभा की 146 सीटों में से 112 सीट पर बीजद के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। भाजपा को 23, कांग्रेस को 9, सीपीआइ को एक तथा निर्दलीय को एक सीट मिली है। वहीं लोकसभा चुनाव में राज्य की 21 सीटों में बीजद को 12 सीट, भाजपा को 8 एवं कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है। नवीन की लोकप्रियता बरकरार : नवीन पटनायक के लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कभी राजनीति के धुरंधरो में गिने जाने वाले बीजद के ही दो बड़े नेता दल छोड़ने के बाद भाजपा से इस बार चुनाव मैदान में उतरे थे। केंद्रपाड़ा लोकसभा क्षेत्र से वरिष्ठ नेता बैजयंत पंडा एवं बालीकुदा एरसमा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री डॉ. दामोदर राउत, दोनों लोगों को हार का सामना करना पड़ा है। पुरी लोकसभा सीट से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्र, कांग्रेस के अध्यक्ष निरंजन पटनायक, भाजपा विधायक दल के नेता कनक व‌र्द्धन सिंहदेव जैसे दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए हैं। पूर्व मंत्री दामोदर राउत तो लड़ाई में ही नहीं रहे। वहीं नवीन पटनायक ने कई नए चेहरे को मौका देते हुए उनके लिए विधानसभा एवं लोकसभा के दरवाजे खोल दिए। चुनाव में मिली जीत का श्रेय नवीन पटनायक ने विशेष रूप से महिला मतदाता एवं अपने कार्यकर्ताओं को दिया।

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