हाथियों को बचाने के रेल लाइन पर लगाए जाएंगे आकौस्टिक सेंसर
हाथियों के जीवन को बचाने के लिए अब रेल लाइनों पर आकौस्टिक सेंसर लगाएं जाएंगे। राज्य में रेलगाड़ी से कटकर तकरीबन 30 हाथियों की मौत होने की खबर है रेल से कटकर हो रही मौत से उनकी रक्षा के लिए गुजरात की एक कंपनी ने आपको स्टिक सेंसर बनाया है।
भुवनेश्वर जागरण संवाददाता। राज्य में बीते काफी समय से रेल से कटने के कारण हाथियों की मृत्यु हो रही पर गंभीरता दिखाते हुए वन विभाग ने एक नई योजना आरंभ की है वन विभाग द्वारा हाथियों के आवागमन वाले रेलवे लाइनों पर आकौस्टिक सेंसर लगाए जाने की एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है। पिछले 10 साल के दौरान राज्य में रेलगाड़ी से कटकर तकरीबन 30 हाथियों की मौत होने की खबर है हाथियों की रेल से कटकर हो रही मौत से उनकी रक्षा के लिए गुजरात की एक कंपनी ने आपको स्टिक सेंसर बनाया है।
कैसे काम करता है आकौस्टिक सेंसर
इसे प्रथम पर्याय में जोड़ा खोल संबलपुर और जंगल के हाथी कोरिडोर इलाके में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्थापित किया जाएगा। यह मशीन हाथी कोरिडोर होकर जाने वाले रेलगाड़ी के लोको पायलट को 3 से 4 किलोमीटर पूर्व ही सायरन देते हुए सतर्क कर देती है। इससे ट्रेन के चालक गाड़ी की गति नियंत्रित कर देते हैं और हाथियों को मौत के मुंह से बचा लेते हैं सुंदरगढ़ के महीपानी रेंज में इस साल फरवरी महीने में एक मालवाहक ट्रेन की टक्कर से दो हाथियों की मौत हो गई लगातार ट्रेन से कटकर हाथियों की मौत पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने सेंसर मशीन लगाने की योजना बनाई है।