नए पाठ्यक्रम को लेकर भ्रम की स्थिति

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रकाशित नए पाठ्यक्रम को लेकर उहापोह की स्थिति बन गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Sep 2020 01:09 AM (IST) Updated:Tue, 01 Sep 2020 06:22 AM (IST)
नए पाठ्यक्रम को लेकर भ्रम की स्थिति
नए पाठ्यक्रम को लेकर भ्रम की स्थिति

संसू, भुवनेश्वर: माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रकाशित नए पाठ्यक्रम को लेकर उहापोह की स्थिति बन गई है। प्रथम भाषा ओड़िया, द्वितीय भाषा अंग्रेजी और तृतीय भाषा हिंदी के कई पाठ्यक्रम 30 फीसद कम किए जाने का निर्णय लिया गया है। लेकिन शिक्षकों का मानना है कि ये पाठ्यक्रम भाषाओं का मूल आधार व्याकरण से जुड़े हैं। अत: इन्हें पाठ्यक्रम से हटाया जाना अनुचित है। इसके अलावा कई वे पाठ्यक्रम हटा दिए गये हैं जो पहले ही पढ़ाए जा चुके हैं। ऐसे में विद्यार्थियों से लेकर शिक्षकों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। सिलेबस कमेटी द्वारा पाठ्यक्रम कम किए जाने के निर्णय पर सवाल उठाए जा रहे कि जब व्याकरण जैसे महत्वपूर्ण अंग को भाषा पाठ्यक्रम से निकाल दिया जाएगा तो भाषा पाठ के बारे में विद्यार्थी को क्या पता चल पाएगा। इसी तरह ऑनलाईन के जरिए पढ़ाए गए हिंदी के कुछ पाठ भी सिलेबस से काट दिए गए हैं। इससे ऑनलाइन पढने वाले विद्यार्थियों के लिए दिक्कत सामने आने वाली है। एक तो उनका समय बर्बाद हुआ और अब वह पाठ पाठयक्रम से काट दिया गया है। गौरतलब है कि करोना महामारी क चलते सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड द्वारा 30 फीसद पाठ्यक्रम कम करने के तर्ज पर राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी पाठ्यक्रम में कटौती की है मगर इसमें कुछ गड़बड़ी की बातें सामने आ रही हैं, जिसे सुधारा जाना चाहिए।

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