Pulwama Terror Attack: अगस्त में दोबारा आएंगे ये कहकर गये थे ओडिशा के साहू

जानकारी के मुताबिक प्रसन्न के पिता काशीनाथ साहू एवं माता ललिता देवी दोनों का स्वर्गवास हो गया है। उनकी पत्नि मीनालता साहू (42) गृहिणी हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 05:51 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 05:51 PM (IST)
Pulwama Terror Attack: अगस्त में दोबारा आएंगे ये कहकर गये थे ओडिशा के साहू
Pulwama Terror Attack: अगस्त में दोबारा आएंगे ये कहकर गये थे ओडिशा के साहू

जासं, भुवनेश्वर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को आत्मघाती हमले में शहीद भारत माता के वीर सपूतों में से एक हैं ओडिशा के प्रसन्न कुमार साहू। वे सीआरपीएफ 61वीं बटालियन में हवलदार थे। 27 साल से सीआरपीएफ जवान के तौर पर देश की सेवा करने वाले प्रसन्न कुमार साहू अपने परिवार में एकमात्र कमाऊ पुत्र थे। वह सोलपूजा के लिए पिछले नवम्बर महीने में घर आए थे। आनेवाले अगस्त महीने में वह दोबारा घर आने वाले थे, मगर वह तो नहीं लौटे उनका पार्थिव शरीर लौटा है।

प्रसन्न के पिता काशीनाथ साहू एवं माता ललिता देवी दोनों का स्वर्गवास हो गया है। उनकी पत्नि मीनालता साहू (42) गृहिणी हैं। उनकी एक 18 साल की बेटी रूनी काकटपुर मंगला महाविद्यालय में प्लस-3 में द्वितीय वर्ष की छात्रा है। बेटा जगन साहू (16) नीमापड़ा महाविद्यालय में प्लस-2 विज्ञान प्रथम वर्ष का छात्र है। प्रसन्न तीन भाइयों में सबसे छोटे थे और वही एक मात्र कमाने वाले पुत्र थे। उनके अन्य दो बड़े भाई गाणुआ साहू एवं विपिन साहू घर पर रहकर खेती करते हैं।

इनके अलावा उनकी प्राप्ति एवं शांति दो बहने हैं जिनकी शादी हो चुकी है। कालेज में पढ़ाई करते समय ही 1995 में वह सीआरपीएफ में भर्ती हो गए थे। 1999 में राममंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के समय वह अयोध्या में मोर्चा सम्भाले थे। उस समय उनका परिवार उनके साथ रहता था। इसके बाद से उनका परिवार घर रहने लगा। साहू के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद पूरा परिवार टूट सा गया है।

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