कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बच्चों और युवाओं के अधिक प्रभावित होने की धारणा गलत
तीसरी लहर आने पर बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका के बीच सरकार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बच्चों के बीच गंभीर संक्रमण होने का संकेत देने के लिए कोई ठोस सुबूत नहीं है लेकिन फिर भी सभी आयु वर्ग के लोगों को सतर्कता की आवश्यकता।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बच्चों और युवा आबादी के अधिक प्रभावित होने की धारणाओं को खारिज करते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि 1-20 आयु वर्ग के लोगों में दोनों लहरों के दौरान दर्ज किए गए मामले 12 प्रतिशत से कम रहे हैं।
दूसरी लहर में 1-20 आयु वर्ग में 11.62 फीसद संक्रमित थे, पहली लहर में 11.31 फीसद संक्रमित थे
सरकार द्वारा संवाददाता सम्मेलन में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर (15 मार्च से 25 मई) के दौरान कुल मामलों में 1-20 साल की उम्र के लोगों की संख्या 11.62 प्रतिशत थी, जबकि पहली लहर (एक जुलाई से 31 दिसंबर) में 11.31 प्रतिशत थी, जो इस आयु वर्ग में संक्रमित लोगों के अनुपात में बहुत अंतर नहीं दर्शाता है।
21-50 आयु वर्ग के लोग पहली लहर में 59.74 फीसद संक्रमित थे, दूसरी लहर में 62.45 फीसद संक्रमित
आंकड़ों से पता चला है कि 21-50 आयु वर्ग के लोग दोनों लहरों में सबसे अधिक प्रभावित हुए। इस श्रेणी के लोगों में पहली लहर में 59.74 प्रतिशत संक्रमण था, जबकि दूसरी लहर में 62.45 प्रतिशत। वहीं, 61 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए, पहली लहर में यह अनुपात 13.89 प्रतिशत और दूसरी लहर में 12.58 प्रतिशत था।
पहली लहर में 1-10 आयु के लोग 3.28 फीसद संक्रमित थे, दूसरी लहर में 3.05 फीसद संक्रमित
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पहली लहर में एक से 10 साल के आयु वर्ग में संक्रमण के 3.28 प्रतिशत मामले सामने आए, जबकि दूसरी लहर में यह 3.05 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि पहली लहर में 11-20 वर्ष के आयु वर्ग में 8.03 प्रतिशत और दूसरी लहर में 8.57 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए।
तीसरी लहर से सबको सतर्क रहने की जरूरत
तीसरी लहर आने पर बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका के बीच सरकार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बच्चों के बीच गंभीर संक्रमण होने का संकेत देने के लिए कोई ठोस सुबूत नहीं है, लेकिन फिर भी सभी आयु वर्ग के लोगों को सतर्क रहने और सावधानियों का पालन करने की आवश्यकता है।