विश्व तंबाकू निषेध दिवस: तंबाकू न दे जाए कोरोना को बुलावा इसलिए रहिये सावधान

कोरोना संक्रमण के नित नए मामलों के बीच तंबाकू व धूमपान से हो रहेे कैंसर के चलते भारतीयों को समझना होगा कि वे न फंस जाएं इस दोहरे भंवर जाल में...

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 10:07 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 10:07 AM (IST)
विश्व तंबाकू निषेध दिवस: तंबाकू न दे जाए कोरोना को बुलावा इसलिए रहिये सावधान
विश्व तंबाकू निषेध दिवस: तंबाकू न दे जाए कोरोना को बुलावा इसलिए रहिये सावधान

आरती तिवारी। कैंसर होना अपने आप में ही खतरनाक है, उस पर इन दिनों चहुंओर फैली कोरोना संक्रमण की मार इसे और भी खतरनाक बना चुकी है। बीते दिनों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हुई अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल ऑन्कोलॉजी की सालाना बैठक में यह बात सामने आई कि जिन लोगों में कैंसर की कोशिकाएं बढ़ रही होती हैं उनमें कोविड संक्रमण से होने वाली मौत का खतरा सामान्य से पांच गुना अधिक होता है। इसी तरह तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में कमजोर इम्यूनिटी के चलते संक्रमण का खतरा सामान्य व्यक्ति से कई गुना अधिक होता है। कोरोना संक्रमण की वैश्विक रैंकिंग में भारत नौवें नंबर पर पहुंच गया है। साथ ही इसकी वजह से होने वाली मौत की संख्या भी चीन के रिकॉर्ड को पार कर चुकी है। ऐसे में यह बेहद समझना जरूरी हो जाता है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों में सजगता और तंबाकू से दूरी ही एकमात्र उपाय है।

बड़ी जनसंख्या है गिरफ्त में

वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 15 साल या उससे अधिक उम्र के करीब 30 करोड़ लोग तंबाकू सेवन करते हैं। इनमें से लगभग 20 करोड़ लोग तंबाकू को गुटखा, खैनी, पान मसाला या पान के रूप में सीधे सेवन करते हैं, जबकि करीब दस करोड़ लोग ऐसे हैं जो सिगरेट, हुक्का या फिर सिगार में तंबाकू भरकर इसका धुआं अपने फेफड़ों में भर लेते हैं। इस तरह से यह जनसंख्या और पैसिव स्मोकिंग के शिकार लोग सामान्य लोगों की तुलना में कोरोना संक्रमण के काफी नजदीक हैं। तंबाकू, धूमपान उत्पादों के आदान प्रदान और तंबाकू थूकने से भी कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावना होने के चलते ही इनकी बिक्री पर रोक लगाई गई थी। अब भले ही इनकी सशर्त बिक्री आरंभ हो चुकी है लेकिन अपनी सुरक्षा के लिहाज से इनसे दूरी करना ही सर्वोचित है।

अवसाद दे जाता है तंबाकू

अक्सर यह बात सामने आती है कि व्यक्ति अवसाद या तनाव के चलते तंबाकू सेवन या धूमपान करने लगता है। जबकि ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी में हुई स्टडी में यह बात साफ तौर पर साबित हुई है कि तबाकू सेवन अवसाद और सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक सेहत से जुड़ी दिक्कतों को बढ़ाने का कारक होता है। तंबाकू का सेवन दिमाग की क्षमता पर भी असर डालता है। तंबाकू सेवन, धूमपान व अवसाद के चलते इम्युनिटी सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ता है। फिलहाल कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में हमारे पास मजबूत इम्युनिटी सिस्टम के अलावा और कोई हथियार नहीं है। ऐसे में तंबाकू सेवन से दूर रहने का एक बड़ा कारण यह भी है कि आप कोरोना संक्रमण से भी बचे रहेंगे और किसी भी प्रकार की मानसिक समस्याओं से भी।

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