World Heart Day: जवां दिलों पर मंडराता खतरा, बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के केस, ये है वजह

World Heart Day 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके लिए अनेकों कारण है। लेकिन सबसे बड़े कारण अत्याधिक धूम्रपान खान-पान और जीवनशैली है जो हृदय रोगों की तरफ ले जा रही है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 09:19 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 09:19 AM (IST)
World Heart Day: जवां दिलों पर मंडराता खतरा, बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के केस, ये है वजह
World Heart Day: 35 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को हार्ट अटैक के केस लगातार बढ़ रहे>

ओपी वशिष्ठ, रोहतक। पहले धारणा थी कि हृदय रोग अधेड़ या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को होते हैं। लेकिन अब धारणा के विपरीत युवा वर्ग भी हृदय रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं। खास बात यह है कि 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को भी कार्डियक अरेस्ट हो रहा है, जो चिंता का कारण है। पिछले दिनों अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला के हार्ट अटैक की घटना ने युवाओं को भी स्वास्थ्य के प्रति सचेत कर दिया है।

पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूटी आफ मेडिकल साइंस के हृदय रोग विभागाध्यक्ष डा. कुलदीप लालर ने बताया कि उनके पास 20 वर्ष के युवा भी हृदय रोग से ग्रस्त आ चुके हैं। 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके लिए अनेकों कारण है। लेकिन सबसे बड़े कारण अत्याधिक धूम्रपान, खान-पान और जीवनशैली है, जो हृदय रोगों की तरफ ले जा रही है। होली हर्ट अस्पताल के चिकित्सकों ने पांच साल में हार्ट अटैक के मरीजों की उम्र को लेकर स्टडी की, जिसमें हृदय रोगों से ग्रस्त 35 से कम उम्र के 150 मामले सामने आए हैं। यह तो केवल उनके अस्पताल का डाटा है। अन्य सरकारी और निजी हृदय रोग विशेषज्ञ अस्पतालों में यह आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। इसलिए अब हार्ट अटैक के लक्षण होने पर तुरंत स्वास्थ्य जांच करवाने की जरूरत है। यह भ्रांतियां या लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए कि युवा उम्र में हार्ट अटैक नहीं हो सकता।

ये लक्षण हैं खतरनाक

- चलने में सांस फूलना

- छाती में दर्द होना

- धड़कन बढ़ जाना

- बिना कारण के बहुत पसीना आना

- छोटी सी बात पर जल्दी घबराहट होना

- पेट के ऊपरी हिस्से से लेकर जबड़े तक कहीं पर दर्द

- कमर दर्द

- दस्त लगना

- उल्टी लगना

- बेहोश होना

ये है हृदय रोगों के कारण

- अत्याधिक धूम्रपान

- शुगर

- एक्सरसाइज का अभाव

- बीपी

- मोटापा

- वंशानुगत

बचाव के उपाय

- जंक फूड से परहेज, हेल्दी भोजन करें

- नियमित एक्सरसाइज, रोजाना कम से कम 45 मिनट

- शुगर और बीपी और मोटापा पर नियंत्रण

- धूम्रपान पर प्रतिबंध

- तनाव से बचें

हार्ट अटैक के मामलों में 35 वर्ष से कम उम्र के मरीजों की संख्या बढ़ी

पीजीआइएमएस रोहतक के कार्डियक विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर कुलदीप लालर बताते हैं कि शहर की एक कालोनी के 20 वर्षीय युवक को उसकी मां जांच के लिए उनके कार्यालय में पहुंची। कार्यालय में बैठकर चर्चा कर रहे थे, इसी दौरान युवक को अटैक आ गया। प्राथमिक उपचार के बाद जरूरी जांच की गई तो पता चला कि उनको हार्ट अटैक आया था। बाद में एंजियो प्लास्टी की गई। जिससे उसकी जिंदगी बच गई। इसके अलावा भी 35 वर्ष से कम उम्र के काफी मामले उनके पास पहुंचे हैं। इसलिए नियमित जांच करवाने की जरूरत है। पोस्ट कोविड मरीजों में क्लाट फाम टेंडेंसी की शिकायत मिली है। ये ज्यादा युवाओं में देखने को मिल रहा है। इसलिए पोस्ट कोविड के मरीज अपने हृदय के प्रति सचेत रहे। नियमित जांच कराएं। लक्षण दिखने पर नजरअंदाज करने की गलती न करें।

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