World Environment Day: शहरों और नगर निकायों के लिए सिटी फॉरेस्ट रखना होगा जरूरी
World Environment Day 2020 वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यह पहल इस साल दुनियाभर में मनाए जा रहे जैव विविधता वर्ष को ध्यान में रखकर शुरू की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। World Environment Day 2020: शहरों में अब हरियाली का दायरा बढ़ाया जाएगा। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय अर्बन फॉरेस्ट को लेकर चलाई जा रही योजना में बड़ा बदलाव करते हुए अब इसे सभी शहरों और निकायों के लिए अनिवार्य करने जा रहा है। इसके तहत अब उन्हें अपने आस-पास एक ऐसा सिटी फॉरेस्ट तैयार करना ही होगा, जहां हरियाली के साथ जैव-विविधता के भी दर्शन हो सके। फिलहाल मंत्रालय ने इसे लेकर सभी राज्यों से प्रस्ताव मांगा है।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यह पहल इस साल दुनियाभर में मनाए जा रहे जैव विविधता वर्ष को ध्यान में रखकर शुरू की है। माना जा रहा है कि पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर इसका एलान कर सकते हैं। राज्यों से मांगे गए प्रस्ताव में मंत्रालय ने पुणे (महाराष्ट्र) में 40 एकड़ क्षेत्रफल में तैयार किए गए सिटी फॉरेस्ट को उदाहरण के तौर पर पेश किया है। साथ ही कहा है कि जो भी योजना बनाएं, वह इस सिटी फॉरेस्ट को ध्यान में रखकर ही बनाएं। इसमें जैव विविधता के संरक्षण के साथ आम लोगों को जोड़ा गया है, जहां लोग सुबह-शाम टहलने के लिए आते हैं।
मंत्रालय की शहरों में अर्बन फॉरेस्ट तैयार करने की यह योजना वैसे तो पुरानी है। लेकिन, अब तक यह शहरों और नगरीय निकायों की स्वेच्छा पर निर्भर थी। यही वजह है कि तमाम शहरों में सिर्फ कागज पर ही वन्य भूमि दिखती है, जबकि उनमें पेड़ एक भी नहीं है। मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में दो सौ से ज्यादा ऐसे शहर है, जहां जंगल के लिए जमीन मौजूद है, लेकिन पेड़ नहीं लगे हैं। मंत्रालय की योजना अब ऐसे सभी शहरों में खाली पड़ी जमीन को हर-भरा और जैवविविधता से सजाने की है, जहां हरियाली के साथ पशु- पक्षियों की भी मौजूदगी दिखाई दे सके। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय इसके साथ ही इस योजना को गति देने के लिए राज्यों के साथ मिल कर एक फंड भी बनाने में जुटा है। वैसे अभी वन क्षेत्र के विस्तार के लिए राज्यों को कैंपा फंड से मदद दी जाती है।