विश्व हाथी दिवस: लॉकडाउन में एक ही जगह खड़े रहने से बीमार पड़ी उदयपुर की सोनकली की मौत

सोनकली के एक ही जगह खड़े रहने से गठिया रोग सहित कई अन्य बीमारियां हो गई थीं जो जानलेवा साबित हुई।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 11:23 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 11:23 PM (IST)
विश्व हाथी दिवस: लॉकडाउन में एक ही जगह खड़े रहने से बीमार पड़ी उदयपुर की सोनकली की मौत
विश्व हाथी दिवस: लॉकडाउन में एक ही जगह खड़े रहने से बीमार पड़ी उदयपुर की सोनकली की मौत

संवाद सूत्र, उदयपुर। विश्व हाथी दिवस (12 अगस्त) को राजस्थान के उदयपुर में हथिनी सोनकली की मौत हो गई। लॉकडाउन में कहीं घूम नहीं पाने और भोजन की कमी से वह कमजोर हो गई थी और एक दिन अचानक खड़े-खड़े ही गिर गई थी। उसे क्रेन के सहारे खड़ा कर इलाज किए जाने की कोशिश की जा रही थी। मथुरा के हाथी अस्पताल से आए विशेषज्ञों ने बताया कि लंबे समय तक एक ही जगह खड़े रहने से उसे गठिया रोग हो गया था और वह खड़ी नहीं हो पा रही थी। मंगलवार शाम उसे मथुरा के हाथी अस्पताल ले जाने की तैयारियां भी कर ली गई थीं, लेकिन उसे भेजा नहीं जा सका।

लॉकडाउन में एक ही जगह फंसे रहने, भोजन की दिक्कत होने से हथिनी का स्वास्थ्य बिगड़ गया

जानकारी के मुताबिक सोनकली का महावत सत्यनारायण उसे इसी साल मार्च में वाराणसी से उदयपुर लेकर आया था। वह यहां हरिदासजी की मगरी इलाके में रुका था। इसी बीच लॉकडाउन लग गया और वह कहीं जा नहीं सका। एक ही जगह फंसे रहने तथा घूमने व भोजन की दिक्कत होने से हथिनी का स्वास्थ्य बिगड़ गया।

सोनकली को क्रेन के जरिये खड़ा किया गया

एक हफ्ते पहले वन विभाग तथा पशुपालन विभाग की टीम उसके इलाज के लिए आगे आई। सोनकली को क्रेन के जरिये खड़ा किया गया। निजी स्वयंसेवी संस्था सेवा भारती उसके उपचार का खर्च उठा रही थी। तीन-चार दिन ग्लूकोज चढ़ाने के बाद उसकी हालत में सुधार आने लगा और एक बार फिर वह अपने पैरों पर खड़ी हो गई। इसके बाद लगने लगा कि वह जल्द ही स्वस्थ हो जाएगी, लेकिन मंगलवार सुबह एक बार फिर वह अचानक गिर पड़ी। इसके बाद उसे मथुरा के हाथी अस्पताल भेजने की व्यवस्था की गई, लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ने से उसे नहीं ले जा पाए।

मथुरा के हाथी अस्पताल से आए विशेषज्ञ भी नहीं बचा पाए

हालांकि, हाथी अस्पताल से तीन विशेषज्ञों की टीम बुलवाई ली गई और बुधवार सुबह उसका इलाज भी शुरू किया गया, मगर बुधवार दोपहर को उसकी मौत हो गई। हाथी अस्पताल मथुरा के विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद ने बताया कि सोनकली के एक ही जगह खड़े रहने से गठिया रोग सहित कई अन्य बीमारियां हो गई थीं जो जानलेवा साबित हुई।

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