महिलाएं बनीं दशरथ मांझी, किसी ने न सुनी तो बना दी चार किलोमीटर लंबी सड़क

महिलाओं ने धुर नक्सल प्रभावित मानपुर ब्लॉक के खुरसेकला गांव में वर्षों से लंबित चार किलोमीटर लंबी सड़क बना दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 06:15 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:15 AM (IST)
महिलाएं बनीं दशरथ मांझी, किसी ने न सुनी तो बना दी चार किलोमीटर लंबी सड़क
महिलाएं बनीं दशरथ मांझी, किसी ने न सुनी तो बना दी चार किलोमीटर लंबी सड़क

राजनांदगांव, राज्‍य ब्‍यूरो। अगर आपमें दृढ़इच्‍छा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसे ही असंभव को करने वाले दशरथ मांझी का नाम आज शायद ही कोई नहीं जानता हो। वही दशरथ मांझी जिन्होंने बिहार के गया जिले में अकेले ही पहाड़ काटकर सड़क बना दी थी। उनके इस अभूतपूर्व साहस पर 'द माउंटेनमैन' फिल्म भी बनी थी। दशरथ मांझी की तरह ही राजनांदगांव की महिलाओं ने भी कमाल कर दिखाया। महिलाओं ने धुर नक्सल प्रभावित मानपुर ब्लॉक के खुरसेकला गांव में वर्षों से लंबित चार किलोमीटर लंबी सड़क बना दी है। बिहार के दशरथ ने पहाड़ काटा था तो राजनांदगांव की महिलाओं ने सरकार से उम्मीद की मानसिकता को तोड़ा है। 

सड़क न होने के कारण खाट पर लादकर ले जाना पड़ता था मरीजों को 

राजनांदगांव जिले से करीब 120 किमी दूर खुरसेकला गांव है। गांव तक पहुंचने के लिए सड़क न होने से दुपहिया वाहन भी मुश्किल से आ-जा पाते थे। अगर कोई बीमार हो जाए या गर्भवतियों को लाना-ले जाना हो तो मुसीबत आ जाती थी। उन्हें खाट पर लादकर पगडंडी के रास्ते से ढाई किमी तक पैदल चलना पड़ता था। जब किसी ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो गांव की महिलाओं ने समूह बनाकर सड़क बनाने का संकल्प लिया। 

बारिश से पहले महिलाओं ने पेश कर दी जीवटता की मिसाल 

दो महीने में महिलाओं ने पगडंडी रास्ते को लंबी-चौड़ी कच्ची सड़क में बदल दिया है। करीब चार किमी की सड़क बनाने के बाद महिलाओं की यह मेहनत आसपास के गांवों में मिसाल बन गई है। जब किसी ने नहीं सुनी तो दिल की सुनी खुरसेकला की आदिवासी महिला मीराबाई नेताम, ठगिया गोंड व कुंतीबाई टेकाम ने बताया कि आजादी के 70 वर्षों बाद भी शासन- प्रशासन या किसी जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की आवाज नहीं सुनी। हालांकि सभी से गुहार लगाई गई। 

अब विधायक ने भी की प्रशंसा 

जब किसी ने नहीं सुनी तो शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से मदद की उम्मीद छोड़कर गांव की सभी महिलाओं ने सड़क निर्माण की योजना बनाई। इसमें पुरुषों ने भी साथ दिया। मोहला-मानपुर के विधायक इंदरशाह मंडावी ने महिलाओं के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने किस से मदद मांगी थी, उसकी जानकारी नहीं है। 

इन समस्याओं से मिलेगा छुटकारा 

सड़क बनने के बाद अब गांव तक एंबुलेंस पहुंचने लगी है। यानी अब गर्भवतियों या किसी अन्य मरीजों को खाट पर लिटाकर दो-ढाई किमी पैदल नहीं चलना पड़ेगा। एंबुलेंस गांव के भीतर तक आने से ग्रामीणों को इमरजेंसी सुविधाएं भी मिलेंगी। वहीं बारिश के दिनों में आने—जाने में हो रही दिक्कतों से भी ग्रामीणों को छुटकारा मिलेगा।

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