डब्ल्यूएचओ ने तीसरी लहर रोकने के लिए दी सलाह, कहा- स्वास्थ्य ढांचे को बढ़ाएं और टीकाकरण में लाएं तेजी

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि इस हफ्ते मालदीव और म्यांमार ने कोरोना वायरस के चिंताजनक वैरिएंट के प्रसार की पुष्टि की है। इससे पहले बांग्लादेश भारत इंडोनेशिया नेपाल श्रीलंका थाइलैंड और तिमोर-लेस्टे (पूर्वी तिमोर) में इस वैरिएंट के फैलने की पुष्टि हो चुकी है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:39 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:43 PM (IST)
डब्ल्यूएचओ ने तीसरी लहर रोकने के लिए दी सलाह, कहा- स्वास्थ्य ढांचे को बढ़ाएं और टीकाकरण में लाएं तेजी
कोरोना प्रोटोकाल को सख्ती से लागू किए जाने की भी है आवश्यकता

नई दिल्ली, प्रेट्र। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का आह्वान करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी की एक और लहर रोकने के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाएं, बचाव के उपायों को सख्ती से लागू करें और टीकाकरण की गति को तेज करें।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि इस हफ्ते मालदीव और म्यांमार ने कोरोना वायरस के चिंताजनक वैरिएंट के प्रसार की पुष्टि की है। इससे पहले बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाइलैंड और तिमोर-लेस्टे (पूर्वी तिमोर) में इस वैरिएंट के फैलने की पुष्टि हो चुकी है।

ऐसा देखने में आया है कि अर्थव्यवस्था और सामाजिक गतिविधियों को खोलने के बाद चिंताजनक वैरिएंट की वजह से मामले बढ़े हैं। डब्ल्यूएचओ ने डेल्टा वैरिएंट को चिंताजनक वैरिएंट की श्रेणी में रखा है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जांच में वृद्धि, संक्रमितों के निकट संपर्क में आए लोगों की पहचान और संक्रमण की चपेट में आए लोगों को आइसोलेट करने के प्रयास और तेज करने की जरूरत है। मास्क पहनने, शारीरिक दूरी को बनाए रखने और कुछ अंतराल पर हाथ धोते रहने के नियमों को सख्ती से लागू किए जाने की भी आवश्यकता है।

महामारी कहीं गई नहीं, जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी

डब्ल्यूएचओ की दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट के ज्यादा मामले मिल रहे हों, वहां उक्त उपायों को लंबे समय तक और सख्ती के साथ लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महामारी अभी हमारे आसपास ही है और जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। जब तक ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों, अत्यधिक जोखिम वाले और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों का टीकाकरण नहीं हो जाता है, हमें स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी उपायों को लागू करने के साथ ही महामारी से बचाव के नियमों का भी पालन करते रहना है।

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