कोरोना वैक्‍सीन का दूसरा डोज लगवाते वक्‍त पहले डोज की जरूर दें जानकारी : विशेषज्ञ

डॉक्‍टर शुक्‍ला ने बताया कि कोरोना से बचना है तो मास्‍क सही ढंग से पहनें। अधिकांश लोगों को मास्‍क पहनने का सलीका सीखना होगा। भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना होगा। यदि हमें कोरोना को कम करना है तो हमें अनुशासित ढंग से रहना होगा।

By TilakrajEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 12:27 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 12:27 PM (IST)
कोरोना वैक्‍सीन का दूसरा डोज लगवाते वक्‍त पहले डोज की जरूर दें जानकारी : विशेषज्ञ
कोरोना महामारी के बीच मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को संभालना भी महत्‍वपूर्ण

भोपाल, ऑनलाइन डेस्‍क। जब भी आपको कोविड का पहला टीका लगता है तो इसे कहीं न कहीं नोट कर लें। सर्टिफिकेट को संभालकर रखें, क्‍योंकि दूसरी बार जब भी वैक्‍सीन लगवाने जाएं तो वहां बताएं कि आपको पहले कौन-सा टीका लगा और कब लगा था। यह कहना है राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं राज्य टीकाकरण संचालक डॉ. संतोष शुक्ला का। उन्‍होंने यह बात जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज के 'सच के साथी, वैक्‍सीन के लिए हां' मीडिया साक्षरता कार्यक्रम में कही।

लोगों को कोरोना वैक्सीन के प्रति जागरूक करना और उनका भ्रम दूर करने के मकसद से विश्‍वास न्‍यूज ने शुक्रवार को भोपालवासि‍यों के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया था। वेबिनार में लोगों के प्रश्‍नों का जवाब देते हुए डॉक्‍टर शुक्‍ला ने बताया कि कोरोना से बचना है तो मास्‍क सही ढंग से पहनें। अधिकांश लोगों को मास्‍क पहनने का सलीका सीखना होगा। भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना होगा। यदि हमें कोरोना को कम करना है तो हमें अनुशासित ढंग से रहना होगा। इसमें मास्‍क, सामाजिक दूरी और सेनिटाइजर शामिल है। हमें कोरोना के साथ जीने का तरीका सीखना होगा।

भोपाल के बंसल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने कहा कि कठिन समय में जो हमारे सलाहकार रहते हैं, वह हमें प्रभावित करते हैं। इसलिए हमें बच्‍चों को कोरोना के साथ जीना सिखाना होगा, ताकि नकारात्‍मक न फैले। स्‍कूल भले बंद हो, लेकिन पढ़ाई बंद नहीं है। इसलिए स्‍किल सीखने के लिए यह अच्‍छा वक्‍त है। बच्‍चों से संवाद करें। आधी से ज्‍यादा समस्‍या संवाद से खत्‍म हो जाती हैं। बच्‍चों को मोबाइल से दूर रखें। यही उनके बेहतर भविष्य के लिए अच्‍छा होगा। कोरोना महामारी के बीच मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को संभालना भी महत्‍वपूर्ण है।

दयानंद मेडिकल कॉलेज के कोविड विशेषज्ञ डॉक्‍टर विवेक गुप्‍ता ने प्रतिभागियों के प्रश्‍नों का जवाब देते हुए बताया कि जब भी कोई वैक्‍सीन पब्लिक में आती है तो सभी ट्रायल के बाद ही आती है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार ही वैक्‍सीन उपलबध होती है। आपके पास जो भी वैक्‍सीन उपल्‍ध है, उसे लगवा लेना चाहिए। सभी को वक्‍त पर वैक्‍सीन लगवानी चाहिए। यदि वायरस म्‍यूटेंट भी करता है तो भी वैक्‍सीन प्रभावशाली रहेगी। इसे लगवाने के बाद कोरोना होता भी है तो संक्रमण गंभीर रूप नहीं लेगा। वैक्‍सीन लगवाने के बाद कई खतरों से बचा जा सकता है। डॉक्‍टर गुप्‍ता ने बताया कि किसी भी वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए आने वाले वक्‍त में शायद बूस्‍टर डोज की आवश्‍यकता पड़ सकती है।

वेबिनार में विश्वास न्यूज के प्रशिक्षित फैक्ट चेकर्स के साथ वैक्‍सीनेशन अभियान से जुड़े विशेषज्ञों ने कोरोना टीके को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों और अफवाहों के प्रति लोगों को जागरूक किया। वेबिनार में वैक्‍सीन के बारे में विस्‍तार से बताते हुए फेक न्यूज की पहचान के तरीकों और इसके लिए ऑनलाइन उपलब्ध टूल्स के बारे में जानकारी दी गई।

आइएफसीएन वैक्सीन ग्रांट प्रोग्राम के तहत विश्‍वास न्‍यूज देश के 12 शहरों के लिए 'सच के साथी-वैक्‍सीन के लिए हां' कार्यक्रम आयोजित किया गया। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, पटना, मुजफ्फरपुर, रांची, जमशेदपुर, इंदौर, भोपाल और आगरा के नागरिकों के लिए ऐसे ही वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।

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