मध्‍य प्रदेश में आज से थम गए करीब 4.5 लाख वाहनों के पहिए, तीन दिन की हड़ताल से पड़ सकती है महंगाई की मार

MP Transporters strike मध्‍य प्रदेश में 10 से 12 अगस्त तक चलने वाली सांकेतिक हड़ताल के दौरान ट्रक बस बड़े मझोले छोटे व्यावसायिक वाहन नहीं चलेंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 06:15 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 06:15 AM (IST)
मध्‍य प्रदेश में आज से थम गए करीब 4.5 लाख वाहनों के पहिए, तीन दिन की हड़ताल से पड़ सकती है महंगाई की मार
मध्‍य प्रदेश में आज से थम गए करीब 4.5 लाख वाहनों के पहिए, तीन दिन की हड़ताल से पड़ सकती है महंगाई की मार

भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। MP Transporters Strike: ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) दिल्ली के आह्वान पर रविवार मध्यरात्रि से मध्य प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों ने तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल में रोड और गुड्स टैक्स माफी, डीजल पर वैट की कमी सहित पांच सूत्रीय मांग की गई है। इससे मध्‍य प्रदेश में करीब 4.5 लाख माल वाहनों के पहिए थम गए। 10 से 12 अगस्त तक चलने वाली सांकेतिक हड़ताल के दौरान प्रदेश में ट्रक, बस, बड़े, मझोले, छोटे व्यावसायिक वाहन नहीं चलेंगे। इससे एक-दो दिन में सब्जी और फल समेत अन्य सामग्री आसपास के राज्यों से नहीं आने पर लोगों को महंगाई की मार पड़ सकती है।

दूसरे राज्यों के वाहन भी प्रदेश सीमा पर खड़े होंगे

हड़ताल के बारे में एआइएमटीसी के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि हड़ताल में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान से आने वाले ट्रक, बस व बाकी व्यवसायिक गाड़ि‍यां भी प्रदेश की सीमा पर खड़ी हो जाएंगी। प्रदेश की सीमाओं पर ट्रांसपोर्टर्स चक्का जाम करेंगे। राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने की तैयारी थी। सभी पदाधिकारियों और सदस्यों की सहमति से फिलहाल राज्यव्यापी हड़ताल की जा रही है। यदि केंद्र और प्रदेश सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं तो जल्द ही नई रणनीति बनाकर पूरे देश के ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन समय के लिए हड़ताल पर बैठेंगे।

ये हैं पांच सूत्रीय मांगें

- डीजल पर वैट काम हो।

- चालकों का कोविड बीमा हो।

- रोड व गुड्स टैक्स में छह महीने की माफी।

- परिवहन विभाग की चेक पोस्ट को बंद किया जाए।

- बसों पर माल लदान लाइसेंस का विरोध।

35 हजार बसें पहले से ठप

हड़ताल शुरू होने से पहले ही ट्रांसपोर्टरों में आपस में श्रेय लेने की होड़ लग गई। पहले चार सूत्रीय मांगों की बात की जा रही थी। फिर बसों पर माल लदान लाइसेंस के विरोध की मांग जोड़ी गई। प्रदेश में छह महीने के टैक्स माफी को लेकर 35 हजार बसों के पहिए पहले से ही थमे हैं। ट्रांसपोर्टरों ने बसों को भी हड़ताल में शामिल किया है, ताकि हड़ताल सफल हो सके। अभी पूरे देश में हड़ताल नहीं हो सकी, इससे साफ दिखता है कि ट्रांसपोर्टरों में एकजुटता नहीं है।

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