Weather Updates: मध्य प्रदेश में तेज बौछारें पड़ने के आसार नहीं, बढ़ेगी उमस, जानें- IMD का अपडेट

मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मानसून आ चुका है लेकिन वर्तमान में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी वेदर सिस्टम मौजूद नहीं होने से मानसून को ऊर्जा नहीं मिल पा रही है। इस वजह से प्रदेश में अपेक्षित बरसात नहीं हो रही है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 09:02 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 09:10 PM (IST)
Weather Updates: मध्य प्रदेश में तेज बौछारें पड़ने के आसार नहीं, बढ़ेगी उमस, जानें- IMD का अपडेट
एमपी में अच्छी बरसात की संभावना काफी कम

भोपाल, जेएनएन। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने भले ही पूरे प्रदेश को कवर कर लिया है, लेकिन कोई प्रभावी वेदर (मौसमी) सिस्टम के सक्रिय नहीं होने से अभी अच्छी बरसात की संभावना काफी कम है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में वातावरण में मौजूद नमी के कारण अलग-अलग स्थानों पर गरज-चमक के साथ छिटपुट बौछारें पड़ने का सिलसिला बना रहेगा।

इसी क्रम में रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मंडला में 14, रतलाम में 10, उज्जैन में आठ, ग्वालियर में 7.6, इंदौर में 4.1, शाजापुर, बैतूल में एक, धार में 0.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। सोमवार से बरसात की गतिविधियों में कमी आने के आसार हैं। इसके चलते उमस बढ़ेगी। 24 जून को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। उसके आगे बढ़ने के बाद ही मानसून की सक्रियता बढ़ेगी।

मानसून को ऊर्जा नहीं मिल पा रही

मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मानसून आ चुका है, लेकिन वर्तमान में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी वेदर सिस्टम मौजूद नहीं होने से मानसून को ऊर्जा नहीं मिल पा रही है। इस वजह से प्रदेश में अपेक्षित बरसात नहीं हो रही है।

उत्तर प्रदेश पर बना है कम दबाव का क्षेत्र

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक कम दबाव का क्षेत्र उत्तर प्रदेश और उसके आसपास बना हुआ है। हरियाणा पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त राजस्थान से उत्तर प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी तक एक द्रोणिका लाइन बनी हुई है। इस वजह से कुछ नमी मिल रही है। जिसके चलते प्रदेश में कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ रही हैं। शुक्ला के मुताबिक सोमवार से बारिश की गतिविधियों में कुछ और कमी आने की संभावना है। इससे तापमान बढ़ेगा और उमस बढ़ेगी। इस तरह की स्थिति तीन-चार दिन तक बनी रह सकती है।

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