Weather Report of MP: 120 साल में तीसरी बार फरवरी सबसे गर्म, समय से पहले ठंड की हुई विदाई
मौसम में बदलाव का कारण ग्लोबल वार्मिंग व ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन बताया जा रहा है। ये निष्कर्ष मौसम विभाग के अध्ययन में सामने आए हैं। इस बार ला निना के सक्रिय होने से अच्छी ठंड के आसार जताए गए थे पर अनुमान का ठीक उल्टा हुआ।
ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। फरवरी में सर्दी बीते जमाने की बात हो जाएगी। मौसम में आ रहे बदलाव से संकेत इसी बात के मिल रहे हैं। 120 साल में तीसरी बार 2021 की फरवरी सबसे कम ठंडी रही है। मध्यप्रदेश के न्यूनतम औसत तापमान में 0.83 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। तापमान ऐसे वक्त बढ़ा है, जब प्रशांत महासागर में ला निना प्रभावी था, जो मौसम को ठंडा करता है।
मौसम में बदलाव की वजह ग्लोबल वार्मिंग व ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन
मौसम में इस बदलाव का कारण ग्लोबल वार्मिंग व ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन बताया जा रहा है। ये निष्कर्ष मौसम विभाग के अध्ययन में सामने आए हैं। इस बार ला निना के सक्रिय होने से अच्छी ठंड के आसार जताए गए थे, पर अनुमान का ठीक उल्टा हुआ।
जनवरी में ज्यादा ठिठुरन नहीं रही, समय से पहले ही ठंड की विदाई हो गई
जनवरी में ज्यादा ठिठुरन नहीं रही और फरवरी में भी ठंड नहीं कंपा पाई। इस साल फरवरी का तीसरा व चौथा सप्ताह ज्यादा गर्म रहा। समय से पहले ही ठंड की विदाई हो गई।
मौसम विभाग: फरवरी में ग्वालियर चंबल संभाग का औसत न्यूनतम तापमान 0.83 डिग्री बढ़ा
मौसम विभाग ने 1971 से 2021 के बीच तापमान के आंकड़ों के आधार पर कई निष्कर्ष निकाले हैं। इसके मुताबिक फरवरी 2021 के औसत न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई। फरवरी में देश का औसत न्यूनतम तापमान 0.80 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है, जबकि प्रदेश व ग्वालियर चंबल संभाग का 0.83 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। हालांकि 2016 में भी फरवरी का औसत न्यूनतम तापमान बढ़ा था, लेकिन उस वक्त ला निना प्रभावी नहीं था। 2009 में भी फरवरी का औसत न्यूनतम तापमान 0.71 डिग्री सेल्सियस बढ़ा था।
फरवरी में प्रदेश के औसत तापमान की बढ़ोतरी
तापमान औसत दर्ज वृद्धि
28.84 29.69 0.85 [अधिकतम]
14.60 15.43 0.83 [न्यूनतम]
( तापमान डिग्री सेल्सियस में )
120 साल में तीसरी बार फरवरी सबसे गर्म रही
120 साल में तीसरी बार फरवरी सबसे गर्म रही है और औसत न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है। ग्लोबल वार्मिंग व ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से यह बदलाव आया है। ठंड कम हुई है- वेदप्रकाश सिंह, रडार प्रभारी, मौसम केंद्र भोपाल।