क्लास में सांप के काटने से छात्रा की मौत, दर्द में चिल्लाने पर भी नहीं ले गए अस्पताल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर चिंता जताते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराइ विजयन को चिट्ठी लिखकर परिवार की मदद करने को कहा है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 04:00 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 09:20 PM (IST)
क्लास में सांप के काटने से छात्रा की मौत, दर्द में चिल्लाने पर भी नहीं ले गए अस्पताल
क्लास में सांप के काटने से छात्रा की मौत, दर्द में चिल्लाने पर भी नहीं ले गए अस्पताल

वायनाड, पीटीआइ। केरल के एक सरकारी स्कूल की कक्षा में सांप के काटने से एक 10 वर्षीय छात्रा की मौत हो गई। यह घटना कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड के सुल्तान बतेरी कस्बे की है। छात्रा का नाम शहला शरीन है जो सुल्तान बतेरी के शासकीय सर्वजन व्यावसायिक स्कूल में कक्षा 5वीं में पढ़ती थी। इस घटना में शिक्षक की घोर लापरवाही के कारण उसे निलंबित कर उस पर मामला दर्ज कर लिया गया है।

इस बीच, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने इस घटना पर चिंता जताते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराइ विजयन को चिट्ठी लिखकर कहा कि स्कूलों का आधारभूत ढांचा बहुत ही खराब है और राज्य सरकार को इस पर तत्काल गौर करने की जरूरत है।

बताया जाता है कि दस वर्षीय छात्रा शहला शरीन का पैर क्लास में उसकी डेस्क के पास जमीन पर स्थित एक छोटे से बिल में फंस गया। बच्ची दर्द में तड़पकर चिल्लाती रही कि उसे सांप ने काटा है, लेकिन उसके टीचर ने उसकी बात का यकीन नहीं किया और पढ़ाना जारी रखा। अध्यापक ने कहा कि गढ्डे में पैर घुसने से उसे कोई कील लग गई है या फिर खरोंच आ गई है। सहपाठियों का आरोप है कि सभी के पास कार है लेकिन उसे अस्पताल पहुंचाने के बजाय उसके पिता के स्कूल आने का इंतजार किया गया। लेकिन उसके पिता के आने से पहले ही शहला का पूरा पैर नीला पड़ चुका था।

परिजनों और सहपाठियों के मुताबिक शहला को बुधवार को दोपहर तीन बजे कक्षा में सांप के काटने के एक घंटे से भी अधिक समय की देरी से अस्पताल ले जाया गया था। स्कूल में शिक्षक ने उसे तुरंत अस्पताल ले जाने से मना कर दिया। शहला को उसके परिजन स्कूल पहुंचने के बाद एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां से उसे 90 किलोमीटर दूर स्थित कोझिकोड मेडिकल कालेज के लिए रेफर किया गया। शहला की तबीयत इतनी बिगड़ चुकी थी कि उसने कोझिकोड मेडिकल कालेज पहुंचने से पहले ही रास्ते में अपना दम तोड़ दिया। शहला के पिता ने बताया कि स्कूल प्रशासन ने उन्हें यह नहीं बताया था कि बच्ची को सांप ने काटा है। वह उसे चार अस्पतालों में ले गए लेकिन सांप के काटने का कोई इलाज नहीं किया गया।

शिक्षा विभाग को इस घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर सी. रवींद्रनाथ ने जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच में शिक्षक शिजिल की लापरवाही सामने आई, क्योंकि उसने शहला के बिगड़ते स्वास्थ्य को गंभीरता से नहीं लिया। इसके चलते शिजिल को निलंबित कर दिया गया।

वायनाड के जिला कलेक्टर अदीला अब्दुल्ला ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। बच्ची के इलाज में देरी को लेकर शिक्षा विभाग के एक अधिकारी से रिपोर्ट देने को कहा गया है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को स्कूल का दौरा करने को कहा गया है। कक्षाओं में ऐसे गढ्डों को तत्काल भरने का आदेश दिया गया है। बच्चों का आरोप है कि क्लास में जूते-चप्पल पहने की इजाजत नहीं है। जबकि शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। दूसरी ओर, राज्य के पीडब्लूडी मंत्री जी.सुधाकरण ने पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन (पीटीए) पर दोषारोपण करते हुए कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह क्लास में गड्ढे वाले फर्श में सीमेंट भरवाएं।

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