गृह मामलों की संसदीय समिति का जम्मू-कश्मीर व लद्दाख दौरा 17 से 22 अगस्त तक

पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2019 के बाद मुख्य रूप से कश्मीर से केंद्र और राजनीतिक नेतृत्व के बीच पहली उच्च स्तरीय बातचीत की थी जब केंद्र ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:08 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 11:08 PM (IST)
गृह मामलों की संसदीय समिति का जम्मू-कश्मीर व लद्दाख दौरा 17 से 22 अगस्त तक
पीएम मोदी ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था

नई दिल्ली, एएनआइ। गृह मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति 17 से 22 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का दौरा कर सकती है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।

पीएम मोदी ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था

इससे पहले पीएम मोदी ने 5 अगस्त, 2019 के बाद मुख्य रूप से कश्मीर से केंद्र और राजनीतिक नेतृत्व के बीच पहली उच्च स्तरीय बातचीत की थी, जब केंद्र ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।

पीएम मोदी ने 24 जून को राजनेताओं की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी

पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून को केंद्र व राजनेताओं की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। इसमें कुल 14 नेता शामिल हुए थे, जिनमें कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, तारा चंद व जीए मीर, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला व उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी आदि शामिल थे।

महबूबा ने कहा था- अनुच्छेद 370 हटाए जाने का फैसला स्वीकार नहीं

साढ़े तीन घंटे चली राजनेताओं की उच्चस्तरीय बैठक के बाद महबूबा ने कहा था, 'मैंने पीएम मोदी को अवगत कराया है कि जम्मू-कश्मीर वासियों को अनुच्छेद 370 हटाए जाने का फैसला स्वीकार नहीं है।'

जम्मू-कश्मीर के लोग मुश्किल में हैं, गुस्से में हैं, परेशान हैं: महबूबा

पीडीपी की महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि 5 अगस्त, 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर के लोग बहुत मुश्किलों में हैं। वे गुस्से में हैं, परेशान हैं और भावनात्मक रूप से टूट गए हैं। वे अपमानित महसूस करते हैं। मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि जिस तरह से अनुच्छेद 370 को असंवैधानिक रूप से निरस्त किया गया था, लोग उसे स्वीकार नहीं करते हैं। अवैध रूप से और अनैतिक रूप से।" कश्मीरियों की ओर से एक मीडिया ने खबर दी।

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