विश्व के प्रमुख विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हुई वर्चुअल बैठक, भारत-प्रशांत क्षेत्र के मुद्दों पर हुई बात

विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ऑस्ट्रेलिया के विदेश विभाग और व्यापार विभाग जापान के विदेश मामलों के मंत्रालय और अमेरिका के विदेश विभाग के अधिकारियों ने आम हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर परामर्श के लिए आज एक वीडियो सम्मेलन आयोजित किया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 08:41 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 08:41 PM (IST)
विश्व के प्रमुख विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हुई वर्चुअल बैठक, भारत-प्रशांत क्षेत्र के मुद्दों पर हुई बात
बैठक में जापान के विदेश मामलों के मंत्रालय और अमेरिका के विदेश विभाग के अधिकारी भी जुड़े।

नई दिल्ली, एएनआइ। विश्व के प्रमुख विदेश मंत्रालय अधिकारियों के बीच आज एक वर्चुअल बैठक हुई। विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, ऑस्ट्रेलिया के विदेश विभाग और व्यापार विभाग, जापान के विदेश मामलों के मंत्रालय और अमेरिका के विदेश विभाग के अधिकारियों ने आम हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर परामर्श के लिए आज एक वीडियो सम्मेलन आयोजित किया। इस दौरान साझा मूल्यों और सिद्धातों के आधार पर एक स्वतंत्र खुले समृद्ध और समावेसी भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई। 

गुरुवार को सार्क देशों की हुई अहम बैठक

वहीं, दूसरी ओर तमाम वजहों से सिर्फ औपचारिकता तक सिमट चुके सार्क देशों यानी दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की गुरुवार को बैठक हुई। इस संगठन के तीन अहम देशों भारत, नेपाल व पाकिस्तान के रिश्तों में हाल के दिनों में आए तनाव की वजह से बैठक के गर्म माहौल में होने की उम्मीद थी।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्क देशों के बीच संबंधों की राह में आतंकवाद को बढ़ावा देने और कारोबार की राह में अड़चन डालने को सबसे बड़ी बाधा बताया। उन्होंने बगैर किसी देश का नाम लिए ही कहा कि, सार्क की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए हर सदस्य देश को उन शक्तियों को हराना होगा जो आतंकवाद के स्त्रोत बने हुए हैं। उसको पालते हैं और प्रोत्साहित करते हैं।

पाक ने नहीं लिया कश्मीर का नाम

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर का नाम नहीं लिया हालांकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू करने की बात कही। उनका भाषण सधा हुआ था। उसमें भड़काने वाली कोई बात नहीं थी। कुरैशी के बैकग्राउंड में पाकिस्तान का कोई मानचित्र भी नहीं लगाया गया था जिससे भारत को आपत्ति हो।

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