विदिशा : कुकर में पाइप लगाकर ग्रामीणों को दी जा रही भाप, कोरोना से बचाने को शुरू किए जा रहे केंद्र

पंचायत स्तर पर पांच भाप केंद्रों से ग्रामीणों को दिन में दो से तीन बार भाप दिए जाने का काम भी जारी है। महीने भर में सिर्फ दो सिलिंडर भरवाने का खर्च आएगा। ऐसे एक ग्राम पंचायत महीनेभर में 2000 रुपये से कम खर्च में यह व्यवस्था कर सकती है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 04:38 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 04:38 PM (IST)
विदिशा : कुकर में पाइप लगाकर ग्रामीणों को दी जा रही भाप, कोरोना से बचाने को शुरू किए जा रहे केंद्र
एक महीने में दो गैस सिलिंडर के खर्च पर ही होगा यह काम

विदिशा  [आशीष यादव]। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सबसे अधिक नुकसान मरीजों के फेफड़ों को हो रहा है। गांवों में कोरोना की संक्रमण की तेज रफ्तार ने मुश्किलें बढ़ाई हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की ग्रामीण आबादी को कोरोना वायरस से बचाने के लिए अब जिला प्रशासन ने गांवों में भाप केंद्र खोलना शुरू किए हैं। पंचायत स्तर पर पांच भाप केंद्रों से ग्रामीणों को दिन में दो से तीन बार भाप दिए जाने का काम भी जारी है। मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) वाले गैस-चूल्हे आ रहे काम मध्याह्न भोजन बनाने के काम आने वाले गैस चूल्हे और कुकर का उपयोग इस काम के लिए किया जा रहा है। महीने भर में सिर्फ दो सिलिंडर भरवाने का खर्च आएगा। इस तरह एक ग्राम पंचायत महीनेभर में दो हजार रुपये से भी कम खर्च में ग्रामीणों के लिए यह व्यवस्था कर सकती है।

ऐसे दी जाती है भाप

विदिशा जिला पंचायत की मध्याह्न भोजन टास्क मैनेजर कीर्ति चौहान ने बताया कि स्कूलों की रसोई से गैस चूल्हा, सिलिंडर और कुकर की व्यव्स्था की गई है। कुकर में पानी के साथ अदरक, नीम की पत्तियों को उबाला जाता है। कुकर के ढक्कन की सीटी निकालकर उसमें पाइप लगाकर भाप दी जाती है। गैस चूल्हा कमरे के अंदर रखा जाता है और पाइप खिड़की से बाहर निकाला जाता है। ग्रामीण खिड़की के सामने खड़े होकर भाप लेते हैं। शारीरिक दूरी बनाए रखने के हिसाब से यह व्यवस्था की गई है।

विदिशा मेडिकल कॉलेज के  कोविड वार्ड प्रभारी डॉ. वैभव जैन ने कहा, आयुर्वेद और एलोपैथ, दोनों ही पद्धतियों में भाप लेना शरीर के लिए लाभकारी बताया गया है। भाप का असर गले से लेकर फेफड़ों तक होता है। सर्दी, खांसी और जुकाम में भी राहत मिलती है। भाप श्वास नलियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है। इससे संक्रमित मरीज के फेफड़ों को राहत मिलती है।

विदिशा के जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) नीतू माथुर ने बताया, 'अलग-अलग गांव में पंचायत स्तर पर भाप केंद्र बनाने का कार्य जारी है। पहले उन जगहों पर शुरू किए जा रहे हैं, जहां ज्यादा संक्रमित मिले हैं। काफी कम खर्च में ये काम हो रहा है। धीरे-धीरे बाकी ग्राम पंचायतों में भी इसे शुरू करवाया जाएगा।'

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