कोरोना के खिलाफ वैक्सीन सुरक्षित हथियार, टीका लेने वाले 95% से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित होने से बचे
स्वास्थ्य कर्मियों के एक समूह पर हुए एक अध्ययन के अनुसार कोरोना वैक्सीन लेने वाले 95 फीसद से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों में वैक्सीन ने सुरक्षा प्रदान की। सिर्फ 4.28 प्रतिशत लोगों पोस्ट-वैक्सीनेशन संक्रमण (पीवीआई) सामने आया। एक नवीनतम अध्ययन से भी साबित हुआ।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है, यह एक नवीनतम अध्ययन से भी साबित हुआ है। टीका लगवाने वाले 31,600 स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए अध्ययन में पाया गया कि इनमें से 95 फीसद से अधिक संक्रमित होने से बच गए। सिर्फ 4.28 फीसद ही संक्रमण की चपेट में आए। यह अध्ययन अपोलो अस्पताल की तरफ से कराया गया था, जिसके नतीजे बुधवार को जारी किए गए। देश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर 16 जनवरी से 30 मई के बीच यह अध्ययन किया गया।
जिन स्वास्थ्यकर्मियों पर यह अध्ययन किया गया है, वो वैक्सीन की दोनों डोज या कोविशील्ड और कोवैक्सीन में किसी न किसी की एक डोज ले चुके थे। अध्ययन पर टिप्पणी करते हुए अपोलो अस्पताल समूह के संस्थापक चेयरमैन डा. प्रताप सी. रेड्डी ने कहा कि इस अध्ययन से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वायरस के खिलाफ व्यापक टीकाकरण कितना महत्वपूर्ण है। वैक्सीन न सिर्फ सुरक्षित हैं, बल्कि यह कोरोना संक्रमण को गंभीर होने से भी रोकती है और जिंदगी को बचाने में मदद करती है।
कोवैक्सीन के बारे में भ्रम फैला रही है कांग्रेस : भाजपा
कांग्रेस के राष्ट्रीय इंटरनेट मीडिया समन्वयक गौरव पांढी द्वारा कोवैक्सीन को लेकर किए गए ट्वीट पर भाजपा नेता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधा। पात्रा ने कहा कि विपक्षी पार्टी को 'वैक्सीन के बारे में संदेह पैदा करने' के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्वदेशी वैक्सीन के खिलाफ भ्रम पैदा कर रही है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को बताना चाहिए कि उन लोगों ने टीका लगवाया है या नहीं क्या उन्हें टीके में भरोसा है या नहीं?
बता दें कि गौरव पांढी ने एक आरटीआइ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि भाजपा सरकार को लोगों की आस्था और विश्वास के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए, अगर कोवैक्सीन या किसी भी वैक्सीन में गाय या बछ़़डे का सीरम मिलाया गया है तो लोगों को इसके बारे में जानने का हक है।