केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ आइआइटी, एनआइटी में जल्‍द भरे जाएंगे खाली पद, शिक्षा मंत्रालय ने दिए संकेत

मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो उच्च शिक्षण संस्थानों में चेयरमैन सहित खाली पड़े सभी शीर्ष पदों को भरने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही इन्हें अंतिम रूप देने को कहा गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 07:57 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:00 PM (IST)
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ आइआइटी, एनआइटी में जल्‍द भरे जाएंगे खाली पद, शिक्षा मंत्रालय ने दिए संकेत
उच्च शिक्षण संस्थानों में भी शीर्ष के खाली पड़े पदों को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ-साथ आइआइटी व एनआइटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों में भी शीर्ष के खाली पड़े पदों को भरने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पहल तेज की है। साथ ही संकेत दिए हैं कि अगले डेढ़ से दो महीने के भीतर ऐसे सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के शीर्ष के खाली पड़े पदों को भर दिया जाएगा। मौजूदा समय में अकेले आइआइटी जैसे संस्थान में चेयरमैन के आठ व डायरेक्टर के पांच पद खाली पड़े हैं। वहीं एनआइटी में चेयरमैन के 21 और डायरेक्टर के पांच पद खाली हैं। इन संस्थानों में शिक्षकों के भी पद बड़ी संख्या में खाली हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने डेढ़ से दो महीने में उच्च शिक्षण संस्थानों के शीर्ष खाली पदों को भरने के दिए संकेत

हालांकि मंत्रालय का फोकस पहले शीर्ष पदों को भरने का है। शिक्षा मंत्रालय में यह तेजी नए शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान के आने के बाद दिखाई दे रही है। उन्होंने जिम्मेदारी संभालने के 15 दिनों के भीतर ही 12 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को अंतिम रूप दिया है। हालांकि, इसके बाद भी जेएनयू, डीयू, बीएचयू सहित 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति होनी बाकी है। इस पर भी तेजी से काम चल रहा है। मौजूदा समय में देश में 23 आइआइटी और 31 एनआइटी मौजूद हैं। वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालयों की संख्या करीब 50 है।

सभी शीर्ष पदों को भरने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू

मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो उच्च शिक्षण संस्थानों में चेयरमैन सहित खाली पड़े सभी शीर्ष पदों को भरने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही इन्हें अंतिम रूप देने को कहा गया है। खास बात यह है कि इनकी नियुक्ति में कुछ देरी कोरोना संक्रमण के चलते भी हुई है, क्योंकि इस काल में नियुक्ति से जुड़ी गतिविधियों जैसे-कमेटी का गठन, इंटरव्यू आदि नहीं हो पाया था। फिलहाल इन सभी में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा मंत्रालय इस काम को इसलिए भी प्राथमिकता में रखकर चल रहा है, क्योंकि मौजूदा संसद सत्र में दोनों सदनों में अब तक शीर्ष के खाली पदों से जुड़े करीब आधा दर्जन सवाल पूछे जा चुके हैं।

जेएनयू, डीयू जैसे संस्थानों में शिक्षकों की भारी कमी

उच्च शिक्षण संस्थानों में शीर्ष के खाली पदों के साथ शिक्षकों की भारी कमी भी एक बड़ा विषय है। खासकर देश के शीर्ष संस्थानों में शुमार जेएनयू और डीयू जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थिति सबसे खराब है। शिक्षकों की इन संस्थानों में भारी कमी है। संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक जेएनयू में मौजूदा समय में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 926 हैं, जबकि इनमें से 308 पद खाली हैं। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 1706 हैं, जबकि 846 पद खाली पड़े हैं।

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