भारत को अमेरिका से मिल सकता है एफ-18 लड़ाकू विमान, टू प्लस टू वार्ता के दौरान रखा प्रस्ताव

अमेरिका की भारत को एफ-18 लड़ाकू विमान देने की पेशकश। भारतीय नौसेना ने कुछ साल पहले अपने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और निर्माणाधीन स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर सहित अपने विमान वाहक से संचालन के लिए 57 नौसेना लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण में रुचि व्यक्त की थी।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 01:23 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 01:40 PM (IST)
भारत को अमेरिका से मिल सकता है एफ-18 लड़ाकू विमान, टू प्लस टू वार्ता के दौरान रखा प्रस्ताव
अमेरिका की भारत को एफ-18 लड़ाकू विमान देने की पेशकश।

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में और गहराई आ रही है। बीते दिन भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता हुई और अब अमेरिका भारत के साथ और घनिष्ठ संबंधों को विकसित करना चाहता है। इसी के मद्देनजर अमेरिका ने भारतीय नौसेना को अपने विमान वाहक के लिए लड़ाकू जेट की आवश्यकताओं के लिए अपने एफ-18 नौसैनिक लड़ाकू जेट देने की पेशकश की है। भारतीय नौसेना ने कुछ साल पहले अपने आईएनएस विक्रमादित्य और निर्माणाधीन स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर सहित अपने विमान वाहक से संचालन के लिए 57 नौसेना लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण में रुचि व्यक्त की थी।

सरकारी सूत्रों ने यहां समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि अमेरिकी सरकार ने अपने नौसैनिक लड़ाकू विमान एफ-18 को टू प्लस टू(2+2) बैठकों के दौरान दोनों देशों के रक्षा प्रतिनिधियों के बीच बैठक में एक सरकारी प्रस्ताव के तहत इसे प्रदान करने की पेशकश की है।

अमेरिकी सरकार ने अपने एफ-18 को मानव रहित विमान सी गार्जियन के साथ भारतीय नौसेना के लिए कई अन्य प्रणालियों के साथ भारतीय सशस्त्र बलों को हाल के दिनों में बेचने की पेशकश की है। फिलहाल भारतीय नौसेना अपनी वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए F-18 और राफेल विमानों का आकलन कर रही है, क्योंकि इसके वर्तमान लड़ाकू विमानों के इस दशक के अंत तक या अगले की शुरुआत में चरणबद्ध होने की संभावना है।

अमेरिकी सरकार द्वारा पेश किए गए विमान को विमान का उन्नत संस्करण कहा जाता है। यह 126 मल्टीरोल मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की आवश्यकता के लिए भारतीय वायु सेना को दिया जा रहा है। जिसमें केवल राफेल और यूरोपीय यूरोफाइटर ही आज तक जगह बना पाए है और अंत में फ्रांस के राफेल विमान का चयन किया गया था।

यहां तक ​​कि मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (MMRCA) सौदे को भी रद करना पड़ा। भारत सरकार ने फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल में भरोसा दिखाया और 60,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत 36 विमान खरीदे। भारतीय नौसेना को दी जाने वाली अमेरिकी लड़ाकू विमानों को विमान वाहक से संचालित किया जा सकता है। राफेल और एफ -18 दोनों ही भारतीय नौसेना के लिए आईएनएस विक्रमादित्य विमान वाहक पोत पर उतरने और अपने संबंधित लड़ाकू विमान की क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं।

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