URI Attack: भारत ने आतंकियों और पाकिस्तान सिखाया सबक, उठाए ये कदम

URI Attack साल 2016 में आज ही के दिन आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के उरी में आतंकी हमले अंजाम दिया था।इसके बाद भारत ने जो कदम उठाया वो आतंक के खिलाफ लड़ाई बहुत बड़ा उदाहरण है।

By TaniskEdited By: Publish:Wed, 18 Sep 2019 07:59 AM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 10:57 AM (IST)
URI Attack: भारत ने आतंकियों और पाकिस्तान सिखाया सबक, उठाए ये कदम
URI Attack: भारत ने आतंकियों और पाकिस्तान सिखाया सबक, उठाए ये कदम

नई दिल्ली, जेएनएन। URI Attack: साल 2016 में आज ही के दिन आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के उरी में आतंकी हमले अंजाम दिया था। सुबह के 5.30 बजे जैश-ए-मुहम्मद के चार आतंकवादियों ने भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वॉटर्स पर हमला कर दिया था। यह हमला ऐसे वक्त हुआ था जब घाटी अशांत थी। हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी बुरहान वानी सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में ढेर हो गया था। इसके बाद घाटी सुलग उठी थी। इसी का फायदा उठाकर आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। 

सेना ने आतंकियों के घर में घुसकर जवाब दिया

इसके बाद भारत ने जो कदम उठाया वो आतंक के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के लिए बहुत बड़ा उदाहरण बनकर उभरा। इस घटना से पहले भारत ने आतंक के खिलाफ इतना अक्रामक रुख कभी नहीं अपनाया था। भारत ने इस कायराना हरकत के 11 वें दिन यानी 29 सितंबर को भारतीय सेना ने आतंकियों के घर में घुसकर जवाब दिया। इसी दिन भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था। इस दौरान भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने गुलाम कश्मीर (POK) में घुसकर आतंकवादियों के 6 लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई में 50 आतंकवादी ढेर हो गए और दो पाकिस्तानी सेना के जवान भी मारे गए। आतंक के खिलाफ इतने कम समय में इतनी बड़ी कार्रवाई ने दिखाया कि देश पर कोई हमला होगा तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा।

पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कवायद 

भारत इस हमले से पहले पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहता रहा। पाकिस्तान ने भारत की एक न सुनी। लगातार उसकी जमीन भारत में आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल होता रहा। इसके बाद भारत ने ऐसे कदम उठाए की पाकिस्तान विश्व से अलग-थलग पड़ गया।

सार्क समिट का बहिष्कार 

पाकिस्तान को भारत ने कूटनीतिक तौर पर मात देने की कोशिश यहीं से शुरू की थी। उसी साल नवंबर में कराची में सार्क का 19वां समिट होने वाला था। भारत ने इस समिट का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी इसमें भाग लेने से मना कर दिया। इस हमले के बाद मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करने की कवायद भी शुरू कर दी। कई देशों से अत्याधुनिक हथियार खरीदने की प्रक्रिया शुरू हुई।इसके अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर, एस-400 एंटी बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम समेत कई डील हुए।  

मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कराना

आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत को सबसे बड़ी कामयाबी तब हाथ लगी जब उसने पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कराया। पाकिस्तान और चीन ने उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने से बचाने के लिए बहुत कोशिश की। इस वजह से भारत उसे लगभग एक दशक तक आतंकी घोषित नहीं करा सका, लेकिन फिर इस साल मई में उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया। मसूद ने भारत में संसद, पठानकोट उरी और पुलवामा जैसे कई हमलों को अंजाम दिया है।  

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