निजी क्षेत्र के 31 विशेषज्ञ बने सरकार में अफसर, मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव के रूप में संभालेंगे काम
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने गुरुवार को निजी क्षेत्र के 31 विशेषज्ञों की केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव निदेशक और उपसचिव के रूप में नियुक्ति की घोषणा की। आयोग के मुताबिक चयनित लोगों में तीन संयुक्त सचिव 19 निदेशक और नौ उपसचिव शामिल हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने गुरुवार को निजी क्षेत्र के 31 विशेषज्ञों की केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव के रूप में नियुक्ति की घोषणा की। आयोग के मुताबिक चयनित लोगों में तीन संयुक्त सचिव, 19 निदेशक और नौ उपसचिव शामिल हैं। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे सही प्रतिभा को सही भूमिका में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम बताया है। जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया कि लैटरल एंट्री के जरिये समुचित चयन प्रक्रिया के उपरांत ये नियुक्तियां की गई हैं।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 12 दिसंबर 2020 और 12 फरवरी 2021 को यूपीएससी से संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव के पदों पर नियुक्तियां करने का अनुरोध किया था। चयन प्रक्रिया के दौरान 231 उम्मीदवारों के नाम छांटे गए थे और अंतत: 31 की नियुक्ति की सिफारिश की गई।
तीन संयुक्त सचिव वित्त, वाणिज्य और उद्योग तथा कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय में ज्वाइन करेंगे, जबकि 19 निदेशक वाणिज्य एवं उद्योग, कृषि, वित्त, विधि एवं न्याय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली, शिक्षा, जलशक्ति, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सड़क परिवहन, नागरिक उड्डयन और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालयों में कामकाज संभालेंगे। आम तौर पर संयुक्त सचिव और निदेशक स्तर पर नियुक्तियां सिविल सर्विस परीक्षा के जरिये की जाती हैं।
कार्मिक मंत्रालय ने जून 2018 में पहली बार 'लेटरल एंट्री' मोड के माध्यम से संयुक्त सचिव-रैंक के 10 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। आमतौर पर, संयुक्त सचिव और निदेशक के पद सिविल सेवा परीक्षा और यूपीएससी और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित अन्य परीक्षणों के माध्यम से चुने गए अधिकारियों द्वारा संचालित होते हैं। नीति आयोग ने अपने तीन वर्षीय कार्य एजेंडे और शासन पर सचिवों के क्षेत्रीय समूह ने फरवरी, 2017 में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में सरकार में मध्य और वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर कर्मियों को शामिल करने के लिए दोहरे उद्देश्यों के साथ सिफारिश की है। इनमें नई प्रतिभाओं को लाने के साथ-साथ जनशक्ति की उपलब्धता में वृद्धि करना शामिल है।