Vikas Dubey update news: विकास दुबे की रिचा से यहां हुई थी मुलाकात, भगाकर की थी शादी
शहडोल के बुढ़ार थाना अंतर्गत रेस्ट हाउस तिराहे के समीप रहने वाले राजू ऊर्फ ज्ञानेंद्र निगम की बहन के साथ करीब 15 साल पहले विकास दुबे ने प्रेम विवाह किया था।
रवींद्र वैद्य, शहडोल। उप्र के कानपुर के कुख्यात बदमाश विकास दुबे ने शादी भी युवती को भगाकर की थी। वह कानपुर के शास्त्री नगर में अपनी बुआ के घर पढ़ाई करने आया था। तभी बुआ के पड़ोस में रहने वाले एयर फोर्स कर्मी एसपी निगम की पुत्री रिचा से उसकी मुलाकात हुई तो विकास उसे दिल दे बैठा और उसे भगाकर शादी की थी। ज्ञात हो उप्र पुलिस विकास के साले राजू निगम को मप्र के शहडोल जिले के बुढार से पकड़ कर ले गई है, ताकि फरार अपराधी का कोई सुराग मिल सके।
साला राजू था विकास का जिगरी
रिचा की भाभी पुष्पा निगम ने बताया कि रिचा को घर वाले सोनू के नाम से पुकारते थे। विकास कानपुर में बुआ के घर पढ़ने आया तभी से अपराध की दुनिया में कदम रख चुका था। यहीं रहते हुए उसकी मेरे पति राजू निगम से जिगरी दोस्ती हो गई थी। राजू और विकास कोई भी काम मिलकर करते थे। उन दिनों विकास का राजू के घर आना-जाना रहा और इस बीच रिचा और विकास का प्रेम परवान चढ़ता गया। वर्ष 1997 में विकास दुबे ने रिचा को भगाकर प्रेम विवाह कर लिया था।
छोड़कर आई तो दिखाई दबंगई
बकौल पुष्पा निगम, प्रेम विवाह का हमारे घर में विरोध भी हुआ था। कुछ दिन बाद रिचा विकास को छोड़कर वापस भी आ गई थी, लेकिन विकास की दबंगई के आगे उसे झुकना पड़ा। तब से वह विकास के ही पास रहने लगी। रिचा ने न केवल विकास से अटूट प्रेम किया बल्कि उसके सारे गुनाहों में भी भरपूर साथ दिया।
राजू डर के मारे आ गया था शहडोल
साला राजू निगम भी शुरआत में विकास के कामों में सहयोग करता था लेकिन जब राजू को लगा कि वह उसे रास्ते से हटा देगा तो इसी डर के कारण राजू निगम मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के बुढार कस्बे में आकर बस गया। इसके बाद से राजू का बहन रिचा और विकास से कोई संबंध नहीं रह गया।
डेढ़ दशक से सूनी है भाई की कलाई
राजू निगम की पत्नी पुष्पा ने बताया कि जब से सोनू उर्फ रिचा निगम ने विकास दुबे के साथ अपनी शादी रचाई तब से राजू की कलाई सूनी है। भाई-बहन के बीच कभी बात ही नहीं होती थी। डेढ़ दशक से ज्यादा का समय हो गया है कि रक्षाबंधन पर भी इनकी हाथ की कलाई सूनी रही। एक ओर रिचा, अपने पति विकास दुबे के साथ उसके कारनामों का हिस्सा बन गई तो दूसरी ओर हमने बुढ़ार आकर अपनी नई जिंदगी शुरू की।
मां की तेरहवीं में मिले थे भाई-बहन
वर्ष 2009 में जब राजू निगम की मां का देहांत हुआ। उस समय तेरहवीं में रिचा और राजू की मुलाकात हुई थी। वह भी कुछ समय के लिए। जब से रिचा ने विकास से शादी की तब से कोई उसे मायके पक्ष का पसंद नहीं करता था। इसलिए आना- जाना कम था।
उसके कारनामों से नफरत थी
पुष्पा निगम का कहना है कि विकास के जिस तरह के कारनामे थे, उससे हम नफरत करते थे। पुष्पा का कहना है कि जब संबंध नहीं रखा तब आज इतने कष्ट उठाने पड़ रहे हैं, यदि संबंध रखते तो जाने क्या होता।