कृषि क्षेत्र में युवाओं को लुभाने के लिए मोदी सरकार की नायाब योजना

मान सम्मान के साथ फायदे वाला उद्यम बनाने पर ही युवा कृषि क्षेत्र की ओर बढ़ेंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 30 Aug 2018 09:17 PM (IST) Updated:Thu, 30 Aug 2018 09:53 PM (IST)
कृषि क्षेत्र में युवाओं को लुभाने के लिए मोदी सरकार की नायाब योजना
कृषि क्षेत्र में युवाओं को लुभाने के लिए मोदी सरकार की नायाब योजना

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि क्षेत्र में युवाओं को लुभाने के लिए सरकार जल्दी ही एक नायाब योजना शुरु करने जा रही है, जो 'अभ्यास' नाम से जानी जाएगी। देश में फिलहाल पांच फीसद युवा ही कृषि को अपनाते हैं। ग्रामीण युवाओं के पास रोजगार का कोई और विकल्प न होने की वजह से मजबूरी में ही कृषि क्षेत्र में उतरते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉक्टर त्रिलोचन मोहपात्रा ने कहा कि यह एक गंभीर चुनौती है, जिससे निपटने के लिए सरकार ने इस दिशा में कारगर पहल की है।

डॉक्टर मोहपात्रा बृहस्पतिवार को यहां 'कृषि क्षेत्र में युवाओं को आकर्षित व प्रेरित करने' पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अभ्यास योजना के तहत विज्ञान विषय के स्नातक छात्रों को कृषि क्षेत्र में काम करने के लिए छह महीने का मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद इन युवाओं को एग्री क्लीनिक, स्वायल टेस्टिंग लैब और अन्य इसी तरह के किसानों के हित से जुड़े उद्यम शुरु करने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें रियायती दरों पर बैंकों से ऋण दिया जाएगा।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सिर्फ पांच फीसद युवा ही लगे हैं। खेती में लगने वाले इन युवाओं के पास कोई और विकल्प न होने की वजह से उन्हें खेती से जुड़ना पड़ा है। कृषि क्षेत्र के लिए यह अत्यंत गंभीर चुनौती है। इसीलिए खेती को आकर्षक क्षेत्र बनाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। अभ्यास योजना के बाबत अलग निधि का गठन किया जाएगा।

सम्मेलन में हिस्सा ले रहे उप महानिदेशक डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने कहा कि खेती के प्रति युवाओं को आकर्षित करने के लिए इसे 'प्रेस्टिज के साथ प्राफिट' का क्षेत्र बनाना होगा। मान सम्मान के साथ फायदे वाला उद्यम बनाने पर ही युवा इसकी ओर बढ़ेंगे।

सम्मेलन के संयोजक डॉक्टर आरएस परोडा ने युवाओं को कृषि क्षेत्र युवाओं को उद्यमी के तौर पर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इस समय किसानों को उनके खेत पर ही सुविधाएं देने की जरूरत है, जिसे युवा वैज्ञानिक ही देने में सक्षम है। कृषि क्षेत्र को मल्टी सुपर स्पेसियलिटी अस्पताल जैसी सहूलियत की जरूरत है। दो दिवसीय सम्मेलन में दो सौ से अधिक युवा वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे हैं। इसमें विभिन्न राज्यों से रिसर्च स्कॉलर हिस्सा ले रहे हैं।

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