Unnao Case: पीड़िता की मौत, हैवानों के एनकाउंटर की मांग, पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में यह हुआ खुलासा

Unnao Case उन्नाव की दुष्‍कर्म पीड़िता की मौत हो गई है। घटना पर सियासत गरमा गई है। सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव धरने पर बैठ गए हैं। वहीं प्रियंका उन्‍नाव रवाना हो गई हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 12:05 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 04:34 PM (IST)
Unnao Case: पीड़िता की मौत, हैवानों के एनकाउंटर की मांग, पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में यह हुआ खुलासा
Unnao Case: पीड़िता की मौत, हैवानों के एनकाउंटर की मांग, पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में यह हुआ खुलासा

नई दिल्ली, पीटीआइ/जेएनएन। Unnao Case हैवाननियत के बाद आग के हवाले की गई उन्नाव दुष्‍कर्म पीड़िता ने शुक्रवार देर रात को यहां सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। पीड़ि‍ता को लखनऊ से एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया गया था। अस्पताल के ‘बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी’ विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद पीड़‍िता को बचाया नहीं जा सका। इधर, घटना को लेकर सियासत भी गरमा गई है। सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार को पीड़‍िता की मौत का जिम्‍मेदार बताया है। वहीं पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पीड़‍िता की मौत गंभीर रूप से जलने के कारण हुई है। 

दम घुटने से नहीं हुई मौत 

सफदरजंग अस्‍पताल के चिकित्‍सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्‍ता ने शनिवार को पीड़‍िता के पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट (postmortem report of Unnao victim) का खुलासा करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम के दौरान पी‍ड़‍िता के शरीर पर जहर और दम घुटने का कोई संकेत नहीं मिला है। ऑटोप्सी से पता चलता है कि पीड़ित की मौत व्यापक रूप से जलने के कारण हुई है। उन्‍होंने यह भी बताया कि शव का परीक्षण शनिवार को सुबह किया गया। 

विपक्ष ने खोला मोर्चा 

दुष्कर्म पीड़िता की मौत पर विपक्ष के नेताओं ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने सरकार से जल्द इंसाफ दिए जाने की मांग की है। राज्‍य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधान भवन के सामने दो मिनट का मौन रख धरने पर बैठ गए हैं। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि केंद्र सरकार ऐसी घटनाओं के दोषियों को निर्धारित समय के भीतर फांसी की सख्त सजा दिलाने का कानून बनाए। राज्य सरकारों को चाहिए कि वे लोगों में कानून का खौफ पैदा करें। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़‍िता के घर शोक संतप्‍त परिजनों से मिलने पहुंची हैं। 

भाई बोला, आरोपियों का हो एनकाउंटर 

पीड़िता के भाई ने कहा है कि उसकी बहन को तभी न्याय मिलेगा जब उसके साथ क्रूरता करने वाले उन सभी आरोपियों का भी वही हश्र हो जो उसकी बहन ने झेला है। मैं बहुत दुखी हूं कि उसे बचा नहीं सका। आरोपियों को या तो एनकाउंटर कर दिया जाए या फांसी पर लटकाया जाए। ऐसे हैवानों को जीने का कोई हक नहीं है। उसने बताया कि आरोपियों ने तो पहले ही उसे जला दिया है, अब हम उसके शव को दफनाएंगे। पीड़िता के पिता ने भी कहा है कि आरोपी हैवानों को गोली मार देनी चाहिए या फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।

कहते थे ठोंक देंगे लेकिन नहीं बचा सके बिटिया 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि पीड़िता की मौत की जिम्मेदार योगी सरकार है। योगी राज में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ा है। यह एक काला दिन है। इस सरकार में ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी उन्नाव की बेटी ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। बाराबंकी की बेटी ने भी इसी मुख्यमंत्री आवास के बाहर आग लगाई थी। वह बच नहीं पाई। एक पीड़‍िता ने तो पूरा परिवार खो दिया। इसी विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा था कि अपराधियों को ठोक देंगे लेकिन वह एक बेटी की जान नहीं बचा सके। 

निर्भया को न्याय दिलाने वालीं सीमा ने भरी हुंकार, मालीवाल बोलीं, बहरी हुई सरकार 

दिल्‍ली महिला आयोग की अध्‍यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा है कि सरकार बहरी और असंवेदनशील हो गई है। दुष्‍कर्म पीड़िताओं की चीखें उसे सुनाई नहीं देती हैं। दुष्‍कर्म के दोषियों को छह महीने के भीतर फांसी की सजा देने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठीं मालीवाल ने कहा कि वह अपने देश की सरकार पर शर्मिंदा हैं। इस बीच निर्भया को न्याय दिलाने वालीं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट सीमा समृद्धि ने अब उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के लिए भी इंसाफ की लड़ाई लड़ने का एलान किया है। उन्‍होंने कहा कि वह अब उन्नाव की बेटी को भी न्याय दिलाएंगीं। 

एसडीएम के सामने हैवानों का लिया नाम 

बीते बृहस्पतिवार को जिंदा जलाए जाने के बाद पीड़िता को नाजुक हालत में एयर एम्बुलेंस के जरिए लखनऊ से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। डॉक्‍टरों के मुताबिक, वह 90 फीसद तक जल चुकी थी। पीड़िता के महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम नहीं कर रहे थे। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए अपने बयान में कहा था कि वह मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली जा रही थी। वह जब गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी वहां पहले से मौजूद आरोपियों ने उस पर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था। पुलिस की मानें तो पीड़िता अधजली अवस्‍था में काफी दूर तक दौड़ कर पहुंची थी। उसने प्रत्‍यक्षदर्शियों के फोन से पुलिस को घटना की सूचना दी थी। 

थम नहीं रही वारदातें 

दुष्‍कर्म की वारदातों के खिलाफ देशभर में उठ रही आवाजों के बजाए ऐसे मामले थम नहीं रहे हैं। हैदराबाद एनकाउंटर को अभी 24 घंटे ही हुए थे कि बिहार के दरभंगा के सदर थाना क्षेत्र में 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में एक  टेम्पो चालक को गिरफ्तार किया गया। पीड़िता का इलाज चल रहा है। उन्नाव में ही तीन साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की घटना सामने आई है। वहीं केरल में भी नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर एक व्यक्ति ने दुष्‍कर्म किया। रिपोर्टों में कहा गया है कि आरोपी एक गिलास पानी मांगने के बहाने पीड़‍िता के घर में घुसा था।

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