उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने भाई से कहा था- मैं जीना चाहती हूं, आरोपितों को छोड़ना नहीं

उन्‍नाव सामूहिक दुष्‍कर्म पीड़िता की दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल में शुक्रवार देर रात 1140 बजे मौत हो गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 12:28 AM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 12:57 AM (IST)
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने भाई से कहा था- मैं जीना चाहती हूं, आरोपितों को छोड़ना नहीं
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने भाई से कहा था- मैं जीना चाहती हूं, आरोपितों को छोड़ना नहीं

नर्इ् दिल्‍ली, एएनआइ। उन्‍नाव सामूहिक दुष्‍कर्म पीड़िता की दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल में शुक्रवार देर रात 11:40 बजे मौत हो गई। उसे 90 फीसदी जली हुई अवस्‍था में सफदरजंग अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। उसे बृहस्पतिवार रात 8:40 बजे लखनऊ से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया। उसकी हालत बेहद नाजुक थी।

वह सफदरजंग अस्पताल में मौजूद अपने बड़े भाई से पूछ रही थी कि भइया क्या में बच जाउंगी। मैं जीना चाहती हूं। आरोपितों को छोड़ना नहीं है। 

Dr Shalabh Kumar, HOD (burns and plastic), Safdarjung Hospital: She suffered cardiac arrest at 11:10 pm and we tried to resuscitate her, but she could not survive and at 11:40 pm she died. https://t.co/xoQpYTAdQT" rel="nofollow

— ANI (@ANI) December 6, 2019

सफदरजंग अस्पताल की बर्न यूनिट में पीड़िता का इलाज कर रहे बर्न एंड प्लास्टिक डिपार्टमेंट के हेड डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि उसे शुक्रवार रात 11:10 बजे कार्डियक अरेस्ट हुआ और उसकी जान बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह बच नहीं पाई और रात 11:40 बजे उसकी मौत हो गई। गंभीर रूप से जल जाने के कारण उनके कई अंग काम नहीं कर रहे थे।

भाई ने कहा, दरिंदों को मौत की सजा मिले

दोपहर में मीडिया से बातचीत में पीड़िता के भाई ने कहा कि हैदराबाद में गुनाहगारों को सजा मिल चुकी है। उनकी बहन से दरिंदगी करने वालों को भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस उनकी मदद कर रही है। बस, बहन जल्दी से ठीक हो जाए। भाई के अलावा पीड़िता की मां भी दिल्ली आई थीं, लेकिन वह काफी परेशान हो रही थीं इसलिए उन्हें शुक्रवार को घर भेज दिया गया।

दुष्‍कर्म के आरोपितों ने युवती पर केरोसिन छिड़क आग लगा दी 

ज्ञात हो कि उत्‍तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र के गांव हिंदू भाटन खेड़ा गांव निवासी युवती गुरुवार तड़के रायबरेली जाने के लिए बैसवारा रेलवे स्टेशन के निकली थी। वह गांव से करीब तीन सौ मीटर दूर स्टेशन के रास्ते में थी कि दुष्कर्म के मुख्‍य आरोपित ने चार अन्‍य आरोपितों के साथ  मिलकर उस पर केरोसिन छिड़क कर आग लगा दी और भाग निकले। आग का गोला बनी युवती बचाने की गुहार लगाते हुए दौड़ती पास की एक गैस एजेंसी तक पहुंच कर गिर गई। ग्रामीणों ने मुताबिक, 95 फीसदी जलने के बाद भी पीड़िता घटनास्थल से एक किलोमीटर तक पैदल चली थी और मदद की गुहार लगाई थी। पीड़िता ने खुद ही 112 पर फोन किया था और पुलिस से आपबीती बताई थी। पीआरवी ने युवती को सुमेरपुर सीएचसी पहुंचाया, जहां से डाक्टर ने हालत नाजुक देख कर उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। फि‍र बाद में एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया गया। 

सुमेरपुर अस्पताल में एसडीएम दयाशंकर पाठक को दिए बयान में पीड़िता ने बताया कि वह गाैरा माेड के पास पहुंची तो पहले से माैजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी व रेप के आराेपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने लाठी, डंडे, चाकू से वार कर दिया। उसके बाद केरोसिन डालकर आग लगा दी। चीखने-चिल्लाने पर वहां पहुंचे आसपास के लोगों ने शोर मचाया तो आरोपित भाग गए। इसकी सूचना पर पहुंचे स्वजनों ने उसे सीएचसी पहुंचाया और पुलिस को जानकारी दी।  

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