हरदीप सिंह पुरी बोले, नए सेंट्रल विस्टा पर होगी अगले गणतंत्र दिवस की परेड, शीतकालीन सत्र भी नए संसद भवन में होगा

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार 2022 में गणतंत्र दिवस परेड की मेजबानी के लिए परियोजना समय पर तैयार हो जाएगी। पुरी ने जोर देकर कहा कि अगले साल संसद का शीतकालीन सत्र नए संसद भवन में होगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 06:42 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:03 PM (IST)
हरदीप सिंह पुरी बोले, नए सेंट्रल विस्टा पर होगी अगले गणतंत्र दिवस की परेड, शीतकालीन सत्र भी नए संसद भवन में होगा
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास कार्य ढाई महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार 2022 में गणतंत्र दिवस परेड की मेजबानी के लिए परियोजना समय पर तैयार हो जाएगी। पुरी ने जोर देकर कहा कि अगले साल संसद का शीतकालीन सत्र नए संसद भवन में होगा। 

पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय की जिस नई इमारत का उद्घाटन किया है वह सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत ही आती है। परियोजना की आलोचना पर उन्होंने कहा कि विपक्ष के किसी भी व्यक्ति ने अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया कि सरकार के वर्तमान स्थान का आर्किटेक्चर ब्रिटिश हुकूमत ने अपने लिए विकसित किया था, स्वतंत्र भारत के लिए नहीं। पुरी ने विश्वास जताया कि यह परियोजना समय पर पूरी हो जाएगी।

केंद्रीय मंत्री पुरी रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के 7,000 से अधिक कर्मचारियों के लिए कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में दो नए बहुमंजिला भव्य कार्यालय परिसरों के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

पुरी ने कहा, 'मैं आपको (पीएम) आश्वासन देना चाहता हूं कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास कार्य ढाई महीने में पूरा हो जाएगा, जहां गणतंत्र दिवस परेड (अगले साल) होगी।'

रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए दो नए कार्यालय परिसरों के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन भवनों का निर्माण कार्य केवल 12 महीनों में पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि इन दो नए कार्यालय भवनों के निर्माण में लाइट गेज स्टील फ्रेमिंग (एलजीएसएफ) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा, 'एलजीएसएफ प्रौद्योगिकी के तहत ऐसी इमारतों के लिए न्यूनतम 24 महीने की समय अवधि होनी चाहिए, लेकिन इसे घटाकर 12 महीने कर दिया गया है।' उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में 8,782 मीट्रिक टन स्टील और 7,920 मीट्रिक टन सीमेंट का उपयोग किया गया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रक्षा कार्यालय परिसर का निर्माण सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है। इस परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए केंद्रीय सचिवालय के निर्माण के साथ साथ राजपथ के पूरे इलाके का पुन:विकास किया जाना है।

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