Covid-19 Vaccination: कोरोना टीकाकरण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए नए दिशानिर्देश

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सभी नागरिक अपनी आय की स्थिति के बावजूद मुफ्त टीकाकरण के हकदार हैं। लेकिन जो भुगतान करने की क्षमता रखते हैं उन्हें निजी अस्पताल के टीकाकरण केंद्रों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

By Ritesh SirajEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 10:15 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 10:33 PM (IST)
Covid-19 Vaccination: कोरोना टीकाकरण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए नए दिशानिर्देश
देश में कोरोना के टीकाकरण की संख्या 28 करोड़ से अधिक हो गई

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 के संशोधित टीकाककरण दिशानिर्देश लागू होने के पहले दिन सोमवार दोपहर तक देश भर में टीके की 47 लाख से अधिक खुराक लगाई गईं। मंत्रालय द्वारा दी गई सुबह 7 बजे तक की अंतिम रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोरोना के टीकाकरण की संख्या 28 करोड़ से अधिक हो गई। रविवार के दिन 30,39,996 लोगों का टीकाकरण हुआ जिसकी मदद से कुल संख्या 28,00,36,898 तक पहुंच गई।

21 जून से लागू हुए संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, केंद्र द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराए गए टीके की खुराक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आबादी, बीमारी के बोझ, टीकाकरण की प्रगति और उम्र से ऊपर के मानदंड के आधार पर आवंटित की जाएगी। मंत्रालय के अनुसार, 18 से अधिक उम्र वाले भी मुफ्त टीकाकरण के पात्र होंगे। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि टीके की कोई भी बर्बादी आवंटन को बुरी तरह से प्रभावित करेगी।

पीएम मोदी ने की थी 8 जून को वैक्सीन दिशानिर्देशों में संशोधन की घोषणा

केंद्र अब देश में निर्माताओं द्वारा उत्पादित किए जा रहे टीकों का 75 फीसद खरीदेगा। इससे पहले राज्यों के विकेंद्रीकरण की मांग के अनुसार 50 फीसद टीके खरीदने की अनुमति दी थी। हालांकि कई राज्यों द्वारा फंडिंग सहित समस्याओं की शिकायत के बाद पीएम मोदी ने 8 जून को वैक्सीन दिशानिर्देशों में संशोधन की घोषणा की थी।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सभी नागरिक अपनी आय की स्थिति के बावजूद मुफ्त टीकाकरण के हकदार हैं। लेकिन जो भुगतान करने की क्षमता रखते हैं, उन्हें निजी अस्पताल के टीकाकरण केंद्रों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। 'लोक कल्याण' की भावना को बढ़ावा देने के लिए, गैर-हस्तांतरणीय इलेक्ट्रॉनिक वाउचर के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसे निजी टीकाकरण केंद्रों पर भुनाया जा सकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के जनसंख्या समूह को राज्य और केंद्र शासित प्रदेश वैक्सीन आपूर्ति कार्यक्रम में अपनी प्राथमिकता तय कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बड़े और छोटे निजी अस्पतालों और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए निजी अस्पतालों की मांग को एकत्रित करेंगे।

अस्पतालों को समय पर होगी वैक्सीन की आपूर्ति

भारत सरकार निजी अस्पतालों को इन टीकों की आपूर्ति और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से उनके भुगतान की सुविधा प्रदान करेगी। जिससे दूरस्थ निजी अस्पतालों को टीकों की समय पर आपूर्ति और क्षेत्रीय संतुलन प्राप्त करने में मदद करेगी।

निजी अस्पतालों के लिए टीके की खुराक की कीमत प्रत्येक वैक्सीन निर्माता द्वारा घोषित की जाएगी और बाद में किसी भी बदलाव को अग्रिम रूप से अधिसूचित किया जाएगा। निजी अस्पताल सेवा शुल्क के रूप में प्रति खुराक अधिकतम 150 रुपये तक ले सकते हैं। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य सरकारें वसूले जा रहे मूल्य की निगरानी कर सकती हैं।

इस तरह हुआ टीकाकरण का विस्तार

बता दें कि राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी से सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए टीकाकरण के साथ हुई। समय के साथ इस कार्यक्रम का विस्तार हुआ। जिसमें फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं, 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों और अंततः 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों का टीकाकरण शामिल किया गया। इसके तहत 6 जनवरी से 30 अप्रैल तक भारत सरकार द्वारा टीके की 100 फीसद खुराक राज्य सरकारों को मुफ्त प्रदान की गई।

मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए निजी अस्पतालों की भागीदारी को सूचीबद्ध किया गया था जहां व्यक्ति भी निर्धारित दर पर टीकाकरण का विकल्प चुन सकते थे। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों से बार-बार प्राप्त अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई।

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