केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ग्रामीण इलाकों में कोरोना जांच और आइसोलेशन सुविधाओं की नहीं है कमी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि कुछ ट्वीट में यह भी कहा गया है कि पहाड़ों पर दूरदराज के गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिट एंटीजन किट की उपलब्धता है और आरटी-पीसीआर जांच के लिए नमूने भी लिए जाते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ग्रामीण इलाकों में कोरोना की जांच, आइसोलेशन एवं क्लीनिकल प्रबंधन सुविधाओं और पीपीई किट की कमी के संबंध में ट्विटर के उपयोगकर्ताओं की तरफ से लगाए गए आरोपों को गलत बताया है। मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि कुछ ट्वीट में यह भी कहा गया है कि पहाड़ों पर दूरदराज के गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिट एंटीजन किट की उपलब्धता है और आरटी-पीसीआर जांच के लिए नमूने भी लिए जाते हैं। यह ग्रामीण और दूरदराज के इलाके में कोरोना के प्रबंधन में सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
वहीं, आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करके और राज्यों के साथ सक्रिय सहयोग में केंद्रित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के माध्यम से ग्रामीण भारत में प्रभावी कोरोना प्रबंधन की दिशा में काम कर रही है।
मंत्रालय ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्टें आई हैं जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं में कमी दिखाई गई हैं। इन रिपोर्टों में सरकार पर सीधे तौर पर आरोप लगाया गया है। मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार बहु-स्तरीय स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के साथ ग्रामीण भारत में प्रभावी कोरोना प्रबंधन की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का है व्यापक नेटवर्क
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 1,50,000 उप स्वास्थ्य केंद्र (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) दिसंबर 2022 तक आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) में बदले जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का व्यापक नेटवर्क है। देश के ग्रामीण क्षेत्र में 31 मार्च, 2020 तक 155,404 उप स्वास्थ्य केंद्र और 24,918 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थे। इसके अलावा 5,895 शहरी पीएचसी हैं। बयान में कहा गया, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कुल 1,50,000 उप स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिसंबर 2022 तक आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र में बदले जाएंगे।