रास्ता खोलने को सरकार गंभीर लेकिन किसान संगठन नहीं कर रहे सहयोग, हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने ताजा हलफनामे में कहा है कि रास्ता बंद होने के कारण लोगों को आवागमन में हो रही दिक्कतों को देखते हुए सड़क खोलने पर किसानों से बातचीत के लिए 19 सितंबर को सोनीपत में बैठक बुलाई थी लेकिन किसान नहीं आए....

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 08:34 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 12:09 AM (IST)
रास्ता खोलने को सरकार गंभीर लेकिन किसान संगठन नहीं कर रहे सहयोग, हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि सड़क खोलने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। तीन नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन के चलते दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-उप्र सीमा पर सड़क बंद होने के मामले में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि सड़क खोलने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए एक राज्यस्तरीय समिति भी बनाई है। समिति ने रास्ता बंद होने के कारण लोगों को आवागमन में हो रही दिक्कतों को देखते हुए सड़क खोलने पर किसानों से बातचीत के लिए 19 सितंबर को सोनीपत के मुरथल में बैठक बुलाई थी लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि किसान संगठन बातचीत के लिए बैठक में नहीं आए। हरियाणा सरकार ने यह बात सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने ताजा हलफनामे में कही है।

धरना प्रदर्शन के चलते रास्‍ते बंद 

इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होनी थी जो कि टल गई। तीन कृषि कानूनों के विरोध में कुछ किसान संगठन दिल्ली से जुड़ने वाली यूपी और हरियाणा की सीमा पर लंबे समय से धरना दे रहे हैं जिससे रास्ते बंद हैं और लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

लोगों को हो रही परेेेेशानियों का किया जिक्र 

नोएडा की रहने वाली मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रास्ता बंद होने के कारण आने जाने में हो रही दिक्कतों का मुद्दा उठाया है। मामले में पिछली तारीख 23 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अंतरराज्यीय सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग किसी भी हालत में बाधित नहीं होने चाहिए। लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

दाखिल किया हलफनामा 

इसी मामले में हरियाणा सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने कहा है कि कोर्ट के निर्देश के अनुपालन में 10 सितंबर को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रें¨सग के जरिये बैठक आयोजित हुई थी। बैठक में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिव और गृह सचिवों ने भाग लिया और इन राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए थे।

मुश्किलें कम करने की हो रही कोशिश 

बैठक में दिल्ली हरियाणा सीमा पर दोनों तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग और अंतरराज्यीय सड़क खुलवाने पर चर्चा हुई। कहा गया है कि संबंधित जिलों का प्रशासन आमजनता को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए उनकी मुश्किलें कम करने का प्रयास कर रहा है। ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा जा रहा है।

दिया था भरोसा 

लोगों की दिक्कतों को देखते हुए जिला प्रशासन ने 14 सितंबर को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी और उन्हें लोगों की दिक्कतों व कोर्ट के 23 अगस्त के आदेश से अवगत कराया। इन प्रतिनिधियों ने भरोसा दिलाया था कि वे इस मुद्दे पर अपने अन्य सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे और उन्होंने संकेत दिया था कि वे इस पर जिला प्रशासन व राज्य अथारिटीज के साथ बातचीत करेंगे।

बुलाई थी बैठक

हलफनामे में कहा गया है कि 15 सितंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय बैठक हुई और विस्तृत चर्चा के बाद रास्ते खुलवाने के मुद्दे पर राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति गठित करने का फैसला लिया गया। राज्यस्तरीय समिति ने रास्ते खुलवाने पर किसानों से बातचीत के लिए 19 सितंबर को सोनीपत के मुरथल मे एक बैठक बुलाई थी।

समाधान निकालने की हो रही कोशिश 

इस बैठक में रोहतक के डिवीजनल कमिश्नर, रोहतक रेंज के इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस, सोनीपत और झज्जर के डिप्टी कमिश्नर और एसपी थे लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आमंत्रित किये जाने के बावजूद किसान संगठनों से कोई भी बैठक में कमेटी के साथ बातचीत के लिए नहीं आया। हालांकि राज्यस्तरीय कमेटी मुद्दे का हल निकालने के लिए प्रयास जारी रखेगी।

जो आदेश मिलेगा कराएंगे पालन 

कहा गया है कि सोनीपत और आसपास क्षेत्र के औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि स्वयं ही बैठक में शामिल होने के लिए पहुंच गए थे उन्होंने कमेटी को हो रही दिक्कतों के बारे में बताया। हरियाणा सरकार ने कहा है कि बाधाएं हटाने और रास्ता खुलवाने के लिए लगातार गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं किसान संगठनों के समझाया जा रहा है ताकि आमजनता को दिक्कत न हो। हरियाणा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट मामले में जो भी आदेश देगा वह उसे पूरी तरह लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

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