केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया- देश में आज भी 63 जिले ऐसे हैं जहां एक भी ब्लड बैंक नहीं

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद में बताया कि देश में 63 जिले ऐसे हैं जहां एक भी ब्लड बैंक नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि देश में लाइसेंस प्राप्‍त 3500 ब्लड बैंक हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 04:18 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 04:34 PM (IST)
केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया- देश में आज भी 63 जिले ऐसे हैं जहां एक भी ब्लड बैंक नहीं
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि देश में 63 जिले ऐसे हैं जहां एक भी ब्लड बैंक नहीं है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद में बताया कि देश में 63 जिले ऐसे हैं जहां एक भी ब्लड बैंक नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि देश में लाइसेंस प्राप्‍त 3,500 ब्लड बैंक हैं। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक देश के प्रत्येक जिले में ब्लड बैंक की स्थापना के लिए एक राष्ट्रीय नीति है जिसके अनुसार प्रत्येक जिले में कम से कम एक लाइसेंस प्राप्‍त ब्लड बैंक होना चाहिए।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने प्रत्येक जिले में ब्लड बैंक की स्थापना के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि‍ जिन जिलों में बल्‍ड बैंक नहीं हैं उनमें रक्त संबंधी जरूरतों को पास के जिलों के ब्लड बैंकों से पूरा किया जाता है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने शुक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि देश में कोविन पोर्टल के जरिए कुल 3.83 लाख ऐसे लोगों का टीकाकरण हुआ जिनके पास फोटो आईडी नहीं थी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि‍ सरकार ने उन पात्र लाभार्थियों को टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है जिनके पास फोटो आईडी संबंधी दस्तावेज नहीं हैं। लोग टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के बजाय टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचकर भी पंजीकरण करा सकते हैं।

केंद्र सरकार ने संसद में यह भी बताया कि‍ कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की मदद करने के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत कुल 292 बच्चों का पंजीकरण किया गया है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 22 जुलाई को निर्देश दिया गया है कि वे पीएम केयर्स योजना के तहत मदद पहुंचाने के लिए पात्र बच्चों की पहचान करें और उन्हें पोर्टल पर पंजीकृत करें।  

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