नागरिकता कानून में किसी और संशोधन का प्रस्ताव नहीं, बीते पांच वर्षों में 4,171 को भारतीय नागरिकता मिली

केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि सीएए के तहत पात्र लाभार्थी नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद ही नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि नागरिकता कानून में किसी प्रकार के संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:27 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:32 PM (IST)
नागरिकता कानून में किसी और संशोधन का प्रस्ताव नहीं, बीते पांच वर्षों में 4,171 को भारतीय नागरिकता मिली
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि नागरिकता कानून में किसी संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत पात्र लाभार्थी, नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद ही नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह भी कहा कि नागरिकता कानून में किसी प्रकार के संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में राय ने कहा कि पात्र व्यक्ति केंद्र सरकार द्वारा उपयुक्त नियम अधिसूचित किए जाने के बाद ही नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

पूछा गया था यह सवाल 

उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या सरकार ने सीएए बनने के बाद नागरिकता के लिए नए आवेदन प्राप्त किए हैं।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीएए को 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचित किया गया था और यह 10 जनवरी 2020 से प्रभावी हुआ। राय ने कहा कि सीएए के अंतर्गत नियम बनाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान संबंधी समितियों से नौ जनवरी 2022 तक का समय विस्तार प्रदान करने के लिए अनुरोध किया गया है।

यह है कानून का मकसद 

नागरिकता संशोधन कानून का उद्देश्य बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख पंथों से संबंध रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देना है। इस विधेयक के पारित होने के बाद देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे।

नागरिकता के लिए हिंदुओं के 4,046 आवेदन लंबित

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं से भारतीय नागरिकता के लिए कुल 4,046 आवेदन विभिन्न राज्य सरकारों के पास लंबित हैं। राज्यसभा को बुधवार को इसकी जानकारी दी गई।

पांच वर्षों में 4,171 को दी गई नागरिकता

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राय ने एक लिखित उत्तर में कहा कि 2016 से 2020 तक पिछले पांच वर्षो में 4,171 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की नागरिकता के लिए लंबित आवेदनों में से 1,541 राजस्थान सरकार, 849 महाराष्ट्र सरकार, 555 गुजरात, 490 मध्य प्रदेश, 268 छत्तीसगढ़ और 123 दिल्ली सरकार के पास हैं। इसके अलावा नागरिकता के लिए हिंदुओं के 10 आवेदन केंद्र सरकार के पास लंबित हैं।

नए कानून के तहत किसी को नहीं दी गई नागरिकता

पिछले पांच वर्षों में भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वालों का उल्लेख करते हुए, मंत्री ने कहा कि 1,105 विदेशियों को 2016 में भारतीय राष्ट्रीयता दी गई, 2017 में 814, 2018 में 628, 2019 में 986 और 2020 में 638 को भारतीय नागरिकता दी गई। इन लोगों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत भारतीय राष्ट्रीयता दी गई। अब तक नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत किसी को भी भारतीय नागरिकता नहीं दी गई क्योंकि 2019 के कानून के तहत नियमों को अभी अधिसूचित नहीं किया गया है। 

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