50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का होगा आयात, आपूर्ति सुचारू करने में जुटी सरकार, उठाए कई कदम

केंद्र सरकार ने साफ किया है कि देश में ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक भी है और रोजाना खपत के मुकाबले प्रतिदिन का उत्पादन लगभग दोगुना है। यही नहीं अस्‍पतालों में ऑक्‍सीजन की कमी नहीं होने पाए इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 08:15 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 12:31 AM (IST)
50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का होगा आयात, आपूर्ति सुचारू करने में जुटी सरकार, उठाए कई कदम
कोरोना की तेज गति के बीच ऑक्सीजन सप्लाई ने चिंता बढ़ा दी है।

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना की तेज गति के बीच केंद्र सरकार ने मौजूदा हालात में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता का दावा किया है और वितरण को सुचारू बनाने के लिए कदम भी उठाये जा रहे हैं। सरकार ने साफ किया है कि वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए जहां देश में पर्याप्त ऑक्सीजन है वहीं भविष्य की चुनौतियों के लिहाज से 50 हजार मीट्रिक टन आयात करने का भी फैसला हो गया है। यही नहीं 100 बड़े अस्पतालों में पीएम केयर फंड से लगने वाली ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों को पूरी तरह चालू करने और इसके लिए 100 नए अस्पतालों की पहचान का भी फैसला किया गया है। 

ऑक्सीजन के स्रोत की होगी पहचान 

इसके अलावा ऑक्सीजन के भारी दबाव वाले 12 राज्यों के लिए ऑक्सीजन के स्रोत की पहचान की जाएगी। इन राज्यों में ऑक्सीजन की भविष्य में आने वाली मांग का आकलन किया गया है। इसके अनुसार 20 अप्रैल को इन राज्यों में 4880 मीट्रिक टन, 25 अप्रैल को 5619 मीट्रिक टन और 30 अप्रैल को 6593 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी। इसी के अनुरूप में अन्य राज्यों में मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। इसे देखते हुए सरकार ने 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन आयात करने का फैसला किया।

देश में पर्याप्‍त स्‍टॉक 

सरकार ने साफ किया है कि देश में ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक भी है और रोजाना खपत के मुकाबले प्रतिदिन का उत्पादन लगभग दोगुना है। फिलहाल 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का स्टॉक है। बीते सोमवार को ऑक्सीजन की खपत 3842 मीट्रिक टन जबकि उत्पादन 7127 मीट्रिक टन था। समस्या इसके वितरण की है, जिसे दूर करने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं। खासतौर पर कोरोना के अत्यधिक मामलों वाले राज्यों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। 

स्टील प्लांट के ऑक्‍सीजन का होगा इस्‍तेमाल

ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को मौजूदा प्लांट में 100 फीसद उत्पादन के साथ-साथ सरकार ने स्टील प्लांट में होने वाले ऑक्सीजन उत्पादन को बढ़ाने और उनके पास स्टॉक में रखे ऑक्सीजन के इस्तेमाल का भी फैसला किया है। स्टील प्लांट में उपयोग किए जाने वाले ऑक्सीजन का आसानी से मेडिकल में भी उपयोग किया जा सकता है। जिन राज्यों को ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत है, उन्हें स्टील प्लांट से लेकर ऑक्सीजन उत्पादक इकाइयों से जोड़ दिया गया, ताकि जरूरत मुताबिक ऑक्सीजन की सीधे आपूर्ति हो।

स्टील प्लांट से ऑक्‍सीजन लेने के निर्देश

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र को जरूरत के मुताबिक डोल्वी और बेलारी स्थित जिंदल स्टील और भिलाई स्थित सेल से अतिरिक्त ऑक्सीजन लेने को कहा गया है। इसी तरह से मध्यप्रदेश को भी भिलाई के स्टील प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित की गई है। 

उठाए गए ये कदम

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उत्पादक इकाई से विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की सप्लाई भी बंदोबस्त किया गया है। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को ऑक्सीजन टैंकर की अबाध आवाजाही सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। पेसो (पेट्रोलियम एंड सेफ्टी आर्गेनाइजेशन) ने आर्गेन और नाइट्रोजन ढोने वाले टैंकर में ऑक्सीजन लेने की अनुमति दे दी है। 

रेलवे के इस्‍तेमाल पर भी विचार

रेल से भी ऑक्सीजन सप्लाई पर विचार किया जा रहा है। वहीं विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की शिकायत को देखते हुए इंडस्टि्रयल सिलेंडर के ऑक्सीजन के लिए इस्तेमाल की अनुमति दी गई है जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक लाख सिलेंडर खरीदने शुरू कर दिए हैं। 

राज्‍यों को बर्बादी रोकने के निर्देश

ऑक्सीजन सप्लाई की रुकावटों को दूर करने के साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों ने इसकी बर्बादी रोकने के लिए कदम उठाने को कहा। राज्यों को एक कंट्रोल बनाने को भी कहा गया, जो विभिन्न जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता और मांग पर नजर रखेगा और उसी के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। डीपीआइआइटी लगातार सभी राज्यों और संबंधित प्लांटों के साथ संपर्क में हैं।

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