ओमिक्रोन पर तैयारियों को ढीला नहीं छोड़ना चाहती सरकार, संक्रमण से निपटने के लिए तैयारियों का खाका तैयार

ओमिक्रोन वैरिएंट की संक्रामकता को देखते हुए केंद्र सरकार इससे निपटने के लिए की जा रही तैयारियों को ढीला नहीं छोड़ना चाहती है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को सभी राज्यों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 08:12 PM (IST) Updated:Fri, 10 Dec 2021 05:36 AM (IST)
ओमिक्रोन पर तैयारियों को ढीला नहीं छोड़ना चाहती सरकार, संक्रमण से निपटने के लिए तैयारियों का खाका तैयार
केंद्र सरकार ओमिक्रोन से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों को ढीला नहीं छोड़ना चाहती है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ओमिक्रोन वैरिएंट की संक्रामकता को देखते हुए केंद्र सरकार इससे निपटने के लिए की जा रही तैयारियों को ढीला नहीं छोड़ना चाहती है। बुधवार को सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को उनके साथ बैठक की। इसके पहले खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उच्च स्तरीय बैठक कर चुके हैं। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया इसके लिए राज्यों के हालात की समीक्षा कर चुके हैं। वहीं केंद्रीय गृह सचिव कोरोना दिशा-निर्देशों के पालन के लिए राज्यों को पत्र भी लिख चुके हैं।

गुरुवार की बैठक में राज्यों की ओर से ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमण से निपटने के लिए तैयारियों पर रिपोर्ट पेश की गई। राज्यों ने कोरोना के इलाज के लिए जिलेवार तैयार बिस्तरों की संख्या, जरूरी दवाओं के स्टाक, आक्सीजन प्लांटों और वेंटीलेटर की स्थिति की जानकारी दी। राजेश भूषण ने राज्यों को इनकी उच्च स्तर पर निगरानी की जरूरत बताई। साथ ही वेंटीलेटर व आक्सीजन प्लांटों की चालू स्थिति में जांच करने को कहा।

ध्यान देने की बात है कि दूसरी लहर के दौरान देश में आक्सीजन और वेंटीलेटर की भारी कमी देखी गई थी। इसके बाद देशभर में 3,000 से अधिक आक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया गया था। इनमें से अधिकांश पीएम केयर फंड से लगाए गए हैं। जाहिर है सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि ओमिक्रोन के कारण यदि तीसरी लहर आती भी है तो दूसरी लहर की तरह देश के किसी हिस्से में दवाइयों और आक्सीजन की कमी नहीं हो।

राजेश भूषण ने राज्यों को कोरोना के क्लस्टर में सभी पाजिटिव नमूनों को जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने को कहा कि ताकि ओमिक्रोन वैरिएंट का तत्काल पता लगाया जा सके। राजेश भूषण का कहना था कि सर्दी बढ़ने के कारण देश में सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी। कोरोना और सामान्य सर्दी-जुकाम के लक्षण एक समान होने के कारण सभी सर्दी-जुकाम वाले मरीजों पर नजर रखने और उनमें कुछ की कोरोना टेस्टिंग की जरूरत बताई। इसके अलावा राजेश भूषण ने राज्यों को बचे हुए लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण पूरा करने पर जोर दिया। 

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