सरकार ने कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों का ब्योरा मांगा, सभी राज्यों को लिखी चिट्ठी

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि वे जिलाधिकारियों को उन बच्चों की पहचान करने का निर्देश दें जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:54 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 12:17 AM (IST)
सरकार ने कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों का ब्योरा मांगा, सभी राज्यों को लिखी चिट्ठी
सरकार ने राज्‍यों से कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों का ब्योरा मांगा है...

नई दिल्ली, पीटीआइ। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि वे जिलाधिकारियों को उन बच्चों की पहचान करने का निर्देश दें, जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। ऐसे बच्चों को 'पीएम-केयर्स फार चिल्ड्रेन' योजना के तहत मदद दी जानी है। मंत्रालय ने उन्हें त्वरित सहायता देने के लिए बनाए गए एक पोर्टल पर ऐसे बच्चों की विस्तृत जानकारी देने के लिए भी कहा है।

वेब पोर्टल की शुरुआत

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडे ने कहा कि आवेदन जमा करने, योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र बच्चों की पहचान के वास्ते एक वेब पोर्टल की शुरुआत की गई है।

पात्र बच्चों के विवरण देने का निर्देश

22 जुलाई को भेजे पत्र में उन्होंने कहा, 'मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप अपने राज्य के जिलाधिकारियों को पीएम केयर्स योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र बच्चों की पहचान करने और पात्र बच्चों के विवरण देने का निर्देश दें, ताकि उन्हें तत्काल सहायता मिल सके। यह कार्य अगले 15 दिनों में पूरा किया जा सकता है।'

बच्चों की पहचान के लिए अभियान चलाएं जिलाधिकारी

मंत्रालय ने इसके लिए एक 'हेल्प डेस्क' की स्थापना की है। मंत्रालय के अधिकारी ने जिलाधिकारियों को पुलिस, जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू), चाइल्डलाइन और नागरिक समाज संगठनों की सहायता से इन बच्चों की पहचान के लिए एक अभियान चलाने के लिए कहा है।

मदद की दरकार

उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को कोरोना की वजह से खो दिया है और योजना के तहत सहायता की आवश्यकता है, उन्हें चाइल्डलाइन (1098), डीसीपीयू या किसी अन्य एजेंसी या व्यक्ति द्वारा बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया जा सकता है।

सीडब्ल्यूसी मौत के कारणों की करेगी जांच

इस योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र सीडब्ल्यूसी के समक्ष बच्चों या उनकी देखभाल करने वाले या किसी अन्य एजेंसी द्वारा भरा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी माता-पिता की मृत्यु के कारणों की पुष्टि उनके मृत्यु प्रमाण पत्र या जांच के जरिए करेगी।

सरकार ने संसद में दिया था बयान

गौरतलब है कि सरकार ने 22 जुलाई को संसद में कहा था कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान इस साल अप्रैल से 28 मई तक कुल 645 बच्चों ने अपने माता-पिता को कोरोना की वजह से खो दिया। 

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