आने वाले दिनों में भारत में सामने आ सकते हैं कोरोना के नए वेरिएंट, बन सकते हैं चिंता का सबब - यूएन

भारत में मौजूदा कोरोना वायरस के प्रकार को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने दूसरों से अधिक घातक माना है। इसको पहले संगठन ने वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्‍ट की श्रेणी में रखा था। जिसके बाद इसकी निगरानी को लेकर भी चेतावनी दी गई थी।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 10:01 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 02:32 PM (IST)
आने वाले दिनों में भारत में सामने आ सकते हैं कोरोना के नए वेरिएंट, बन सकते हैं चिंता का सबब - यूएन
भारत में सामने आ सकते हैं कोरोना के नए वेरिएंट

संयुक्‍त राष्‍ट्र (जिनेवा)। वर्ष 2020 से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रहे कोरोना वायरस में अब तक कई तरह के बदलाव दर्ज किए जा चुके हैं। ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के वेरिएंट ने दुनिया के कई देशों में घातक स्‍तर पर अपनी मौजूदगी भी दर्ज कराई है। लेकिन अब भारत में मिले कोरोना वेरिएंट B.1.167 को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन इन सभी में सबसे घातक बता रहा है। संगठन का कहना है कि ये पूरी दुनिया के लिए बेहद घातक है।

आपको बता दें कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के विशेषज्ञों की एक टीम पिछले कुछ दिनों से वायरस के इस वेरिएंट की रिसर्च में जुटी है। इनमें वो क्षेत्र खास हैं जहां ये फैल रहा है। यूएन विशेषज्ञों की टीम का कहना है कि इस वेरिएंट पर वैक्‍सीन की कारगरता को लेकर भी रिसर्च की जा रही है। यूएन विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में दुनिया भर में नए वेरिएंट सामने आ सकते हैं। इनमें से कुछ अधिक चिंता का सबब भी बन सकते हैं। इससे बचाव के लिए इनके संक्रमण को रोकने पर युद्ध स्‍तर पर काम करने की जरूरत होगी यूएन विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि इनकी रोकथाम के लिए कोविड-19 के लिए बनाए नियमों को अधिक कड़ाई से अपनाना होगा।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की रिपोर्ट बताती है कि भारत में मिला कोरोना वायरस का ये घातक वेरिएंट बेहद तेजी से फैलता है। संगठन इसमें हो रहे बदलाव पर भी अपनी चिंता जता चुका है। संगठन की विशेषज्ञ डॉक्‍टर मारिया वान कर्कहोवे ने जिनेवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा है कि B.1.167 वेरिएंट की शुरुआत भारत में ही हुई है ओर इसके संक्रमण की रफ्तार दूसरे वेरिएंट से कहीं अधिक तेज है। मौजूदा वर्ष में भारत में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने में इसी वेरिएंट का हाथ है। आपको बता दें कि भारत में लगातार चार दिन 4 लाख से अधिक मरीज सामने आए थे। वहीं अब दो दिनों से नए मामलों की रफ्तार में कमी आई है और ये 4 लाख से नीचे पहुंचे हैं। इसके अलावा ठीक होने वाले मरीजों में भी तेजी आई है।

डॉक्‍टर मारिया का कहना है कि इस वेरिएंट का भी निदान संभव है। हालांकि उन्‍होंने इस वेरिएंट की अधिक से अधिक जानकारी जुटाने की अपील की है। खासतौर पर इस वेरिएंट की जेनेटिक इंफोर्मेशन को जुटाने के लिए उन्‍होंने वैज्ञानिकों से अपील की है, जिससे इसकी प्रकृति और इसके निदान को समझने में मदद मिल सकेगी। उन्‍होंने और अधिक सिक्‍वेंसिंग पर भी जोर दिया है।

साथ ही उन्‍होंने कहा है कि इसकी जानकारी को पूरी दुनिया में साझा किए जाने की भी जरूरत है। इससे पता चल सकेगा कि ये वेरिएंट आखिर किस स्‍तर पर फैल रहा है। गौरतलब है कि संगठन किसी भी वायरस के वेरिएंट को उसके घातक होने के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में रखता है। भारत में मिले B.1.167 प्रकार को संगठन ने वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्‍ट की श्रेणी में रखा था। इस श्रेणी में मौजूद वेरिएंट को लेकर पूरी दुनिया में इसकी निगरानी रखने को लेकर चेतावनी दी जाती है।

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