आदिवासी बच्चों के स्कूल भी होंगे अपग्रेड, शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण, सरकार ने बनाई योजना
सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की मुहिम में सरकार अब आदिवासी बच्चों के स्कूलों को भी अपग्रेड करेगी। साथ ही वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों और प्राचार्यों को निष्ठा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। पढें यह रिपोर्ट...
नई दिल्ली, जेएनएन। सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की मुहिम में सरकार अब आदिवासी बच्चों के स्कूलों को भी अपग्रेड करेगी। साथ ही वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों और प्राचार्यों को निष्ठा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। इसकी पहल शुरू हो गई है और आदिवासी बच्चों से जुड़े करीब 120 एकलव्य विद्यालयों को इसमें शामिल किया गया है। इन्हें प्रशिक्षण दे दिया गया है। बाकी स्कूलों को भी जल्द ही प्रशिक्षण देने की तैयारी है।
बता दें कि मौजूदा समय में देश में आदिवासी बच्चों के करीब 350 एकलव्य आवासीय विद्यालय हैं जिनमें इन बच्चों के पढ़ने के साथ रहने की सुविधा है। आदिवासी बच्चों के स्कूलों को अपग्रेड और इनमें पढ़ाने वाले शिक्षक-प्राचार्यों को प्रशिक्षित करने की यह पहल शिक्षा मंत्रालय ने जनजातीय कार्य मंत्रालय और राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ मिलकर शुरू की है।
सबसे बड़ा कदम इन स्कूलों के शिक्षकों और प्राचार्यों के प्रशिक्षण का उठाया गया है। इसे एनसीईआरटी के शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़े निष्ठा (नेशनल इनिशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट) कार्यक्रम से जोड़ा गया है।
अभी तक यह प्रोग्राम सामान्य स्कूलों में संचालित किया जा रहा है। इसके तहत देश भर के करीब 15 लाख स्कूलों में पढ़ाने वाले 42 लाख से ज्यादा शिक्षकों और प्राचार्यों को प्रशिक्षित किया जाना है। यह काम तेजी से चल रहा है। अब तक 28 फीसद शिक्षकों और प्राचार्यों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जबकि करीब 47 फीसद को प्रशिक्षित करने का काम चल रहा है।
शिक्षकों के इस प्रशिक्षण के साथ शिक्षा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आदिवासी बच्चों के स्कूलों को अपग्रेड करने की भी योजना पर काम शुरू किया है। इसमें स्कूलों को टिंकरिंग लैब से लैस करना, खिलौनों के जरिये पढ़ाई की पद्धति विकसित करना और कोडिंग आदि की पढ़ाई शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है।